जमशेदपुर । ग्रेड 4 एवं ग्रेड 7 पद पर प्रोन्नति हेतु स्नातक प्रशिक्षित प्रभावित शिक्षकों एक आपात बैठक वरीय शिक्षक श्री अरुण कुमार सिंह के अध्यक्षता में राजस्थान विद्या मंदिर उच्च विद्यालय साकची के प्रांगण में संपन्न हुई।सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग रांची के पत्रांक 619 (विधि) दिनांक 26/0 8/ 21 तथा पत्रांक 714 (विधि) दिनांक 29/08/23 द्वारा अहर्ताधारी वरीय शिक्षकों को पद उपलब्धता की तिथि से भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति देने का स्पष्ट आदेश निर्गत किया गया था।

विभागीय अधिसूचना के 2 साल बीत जाने के बाद भी वरीय शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल सकी है| कितने शिक्षक सेवानिवृत हो गए हैं एवं बहुत सारे शिक्षक प्रोन्नति की आस में दम तोड़ चुके हैं |जिले के सारे मध्य विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन संचालित हो रहे हैं ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना करना बेईमानी है|

माननीय उच्च न्यायालय, रांची के द्वारा वाद संख्या WP(S) 4115/ 2021 के तहत भी भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति देने का स्पष्ट आदेश विभाग को निर्गत किया गया है बावजूद सरकार वरीयता संबंधी विवाद पैदा कर वरीय एवं कनीय शिक्षकों को लड़ा कर प्रोन्नति को उलझाने का काम कर रही है| ग्रेड 4 पद पर दो रास्ते से शिक्षक पहुंचे हैं एक वरीय शिक्षक प्रमोशन से और दूसरी कनीय शिक्षक सीधी नियुक्ति से वर्ष 2009 के पहले सिर्फ कला एवं विज्ञान विषय में ग्रेड 4 के पद थे परंतु आरटीई अधिनियम के लागू होने के बाद भाषा विषय वर्ष 2009 में शामिल हुआ इसके बाद प्रत्येक मध्य विद्यालयों में कला, विज्ञान व भाषा के एक-एक पद सृजित किए गए|

वरीय शिक्षकों के प्रमोशन हेतु प्रोन्नति नियमावली 1993 बनी है जबकि वर्ष 2015-16 में नियुक्त हुए कनीय शिक्षकों के प्रोन्नति हेतु कोई नियमावली विभाग द्वारा बनाई नहीं गई थी बावजूद विभागीय सचिव ने प्रोन्नति हेतु मार्गदर्शन में अपने पत्रांक 770 (विधि )दिनांक 5 /10 /2023 में अपने पूर्व आदेश को दरकिनार करते हुए भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति पर रोक लगाने का आदेश दिया है जिससे वरीय शिक्षक कनीय हो जाएंगे।

जब की शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को प्रोन्नति भूतलक्षी प्रभाव से आर्थिक लाभ सहित पद उपलब्धता की तिथि से देने का आदेश सरकार ने दिया है। यह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की सीधे तौर पर अवहेलना है| सरकार के इस रवैये से वरीय शिक्षकों में काफी आक्रोश है। आज सभा में उपस्थित सभी वरीय स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक माननीय उच्च न्यायालय में अविलंब सरकार के इस आदेश के विरुद्ध केस दायर करने का निर्णय लिया तथा उपस्थित शिक्षकों ने अविलंब विभागीय पत्रांक770( विधि) दिनांक 5/ 10/ 23 को रद्द करने की मांग की है|

बैठक में मुख्य रुप सेअरुण कुमार,टीप्रु तीयु,बलराम प्रसाद, रमाकांत शुक्ला ,मंजू कुमारी, किशोर कुमार महंती ,अनिल बिहारी, शंकर मंडल ,पवन कुमार सिंह, ईश्वर चंद्र शर्मा, पीतम सोरेन, अभिजीत रथ,सूतीर्थ राणा, अरुण कुमार कुंडू, बुधराम सोरेन, उमेश रजक, राम सुचित सिंह, पंचानन भद्र, प्रदीप गोराई, देवेंद्र सिंह, कंचन झा, रविंद्र कुमार सिंह, प्रणव मोहंती, दिनेश कुमार, ललन कुमार सिंह, एवं पी सत्य नारायण सहित सैकड़ों वरीय शिक्षक शामिल थे।

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