बस्तर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के अरनपुर में 10 जवान जवान शहीद हुए। नक्सली ब्लास्ट में शहीद 10 जवानों को अंतिम विदाई दी जायेगी। कई जगहों पर अंतिम संस्कार शहीद जवानों के कर दिये गये। दो साल बाद छत्तीसगढ़ में ये दूसरी सबसे बड़ी नक्सली घटना है। इससे पहले 2021 में नक्सली वारदात हुई थी। 3 अप्रैल 2021 को जवानों पर हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए थे। इस बार भी अप्रैल का महीना है और बस्तर की जमी उन्ही के माटीपुत्र के लहू से लाल हुई है।

1 महीने 23 दिन की नौकरी में हुई शहादत
इस हमले ने कई परिवार को ऐसा जख्म दिया है, जिसे वो जिंदगी भर नहीं भूल पायेंगे। मारे गये सभी जवान युवा और नव आरक्षक थे, जिनकी उम्र 20 से 25 साल की थी। शहीद 10 जवानों में से 2 जवान ने तो पिछले महीने ही नौकरी ज्वाइन की थी। कटेकल्याण मारजूम भीमापारा के दुलगो मंडावी और कटेकल्याण के बड़े गादम के जोगा कवासी 6 मार्च 2023 को डीआरजी में भर्ती हुए थे। दोनों एक महीना 23 दिन ही नौकरी कर पाये की उनकी शहादत हो गयी ।

दो जवान थे एक ही गांव के
दंतेवाड़ा के शहीद 8 जवानों में 2 जवान तो एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों साथ-साथ भर्ती हुए और दोनों की शहादत भी एक ही दिन हो गयी। राजू राम करटम और जगदीश कोवासी दोनों कुआंकोंडा के बड़ेगुडरा के रहने वाले हैं। ये दोनों जवान 10 मार्च 2022 को भर्ती हुए थे। नक्सलियों ने मारजूम के भीमापारा के रहने वाले नव आरक्षक दुलगो मंडावी और बड़े गादम के रहने वाले नव आरक्षक जोगा कवासी के परिजनों को ये हिदायत दी है। 2 जवानों के शव उनके गृह ग्राम ना लाने का फरमान माओवादियों की ओर से जारी होने के बाद परिजनों ने इसके बाद भी दिल पर पत्थर रखकर सहृदयता दिखाते हुए गांव की पूरी आबादी को सुरक्षित रखने के लिहाज से यह तय किया है कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन स्थित शांतिकुंज पुनर्वास परिसर में ही दोनों शहीद जवानों का अंतिम संस्कार कर दिया जाए ताकि गांव वालों पर कोई विपत्ति ना आए।

शहीद 10 जवानों में 8 अकेले दंतेवाड़ा से
दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए IED ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हुए हैं। इस नक्सली हमले में शहीद 10 DRG के जवानों में दंतेवाड़ा जिले से 8 जवान ने वीरगति को पायी है, जबकि एक जवान सुकमा और एक बीजापुर का सपूत है। दंतेवाड़ा के शहीद 8 जवानों में 2 जवान तो एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों साथ-साथ भर्ती हुए और दोनों की शहादत भी एक ही दिन हो गयी। राजू राम करटम और जगदीश कोवासी दोनों कुआंकोंडा के बड़ेगुडरा के रहने वाले हैं। दोनों जवान 10 मार्च 2022 को भर्ती हुए थे। उसी तरह कटेकल्याण मारजूम भीमापारा के दुलगो मंडावी और कटेकल्याण के बड़े गादम के जोगा कवासी 6 मार्च 2023 को डीआरजी में भर्ती हुए थे। दोनों एक महीना 23 दिन ही नौकरी कर पाये की उनकी शहादत हो गयी ।

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