बांका। “सर मेरा पेट खराब होने की संभावना है, छुट्टी चाहिये…”….”सर, मेरी मां का निधन हो सकता है, अवकाश स्वीकृत करें”… शिक्षकों का अजीबो गरीब आवेदन इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। कुछ शिक्षक एडवांस में मृत्यु व अन्य बीमारियों की आशंका जताकर आक्समिक अवकाश मांग रहे हैं, तो कुछ शादी में पेट खराब होने की आशंका के मद्देनजर छुट्टी एडवांस में चाह रहे हैं। अब ऐसे आवेदन विभाग के साथ-साथ शिक्षक बिरादरी की भी खूब फजीहत करा रहे हैं। मामला बिहार के बांका जिले का है, जहां शिक्षकों ने छुट्टी की ऐसी अजीबो गरीब वजह आवेदन में लिख डाली, कि सोशल मीडिया में वायरल हो गया।

मां 5 दिसंबर को रात 8 बजे मर जायेगी, छुट्टी चाहिये



एक आवेदन बिहार के बांका जिला स्थित धौरैया का है, जहां कचहरी पीपरा गांव के अजय कुमार नाम से एक आवेदन वायरल हो रहा है।

आवेदन में लिखा है कि ‘श्रीमान प्रधानाध्यापक महोदय, सादर निवेदन है कि उनकी मां बीमार है। दिनांक 5 दिसंबर दिन सोमवार को रात 8 बजे मेरी मां मर जाएगी। इसलिए मैं उसके अंतिम संस्कार हेतु 6 दिसंबर और 7 दिसंबर तक अपने विद्यालय में अनुपस्थित रहूंगा। इसलिए श्रीमान से अनुरोध है कि मेरे अवकाश को स्वीकृत करने की कृपा करे। ‘
शादी में जा रहा, पेट खराब हो सकता है, 2 दिन की छुट्टी चाहिये

कटोरिया के एक शिक्षक ने आवेदन दिया है कि शादी में खाना खाकर उनका पेट खराब हो जाएगा। इस कारण उन्हें दो दिनों की छुट्टी दी जाए। शिक्षकों के ऐसे अजीबो-गरीब आवेदन पर शिक्षा विभाग के अधिकारी अपना सिर पीट रहे हैं। छुट्टी के लिए अजीबो-गरीब आवेदन देने का सिलसिला जारी है। बाराहाट के खड़ियारा उर्दू विद्यालय के शिक्षक राज गौरव ने प्रधानाध्यापक को दिए आवेदन में लिखा है कि चार और पांच दिसंबर को वे बीमार रहेंगे। इसके लिए आकस्मिक अवकाश दें। कटोरिया में मवि. जमदाहा के शिक्षक नीरज कुमार ने विद्यालय प्रधान को लिखा है कि वे सात दिसंबर को शादी में जा रहे हैं। इसमें अधिक भोजन करने के बाद पेट खराब होने की आशंका है। इसे ठीक होने में दो दिन का वक्त लगेगा।

शिक्षक कर रहे हैं गांधीगिरी



दरअसल, शिक्षकों के ऐसे आवेदन भागलपुर के आयुक्त दयानिधान पांडेय के उस आदेश के विरोध में आ रहे हैं, जिसमें आकस्मिक अवकाश (सीएल) के लिए तीन दिन पहले स्वीकृति लेना अनिवार्य किया गया है। दो दिन पूर्व मंगलवार को शिक्षा विभाग की बैठक में आयुक्त ने यह आदेश जारी किया था। इसके आलोक में बुधवार को पहले भागलपुर डीईओ और फिर शाम को बांका डीईओ पवन कुमार ने भी ऐसा पत्र जारी कर दिया। माध्यमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डा. आशीष कुमार दीपक का कहना है कि अधिकारियों को आकस्मिक अवकाश शब्द की परिभाषा का पता नहीं है। पत्र निकालने वाले ऐसे अधिकारियों की बुद्धि पर तरस आता है। पहले अधिकारी नियम पढ़ लें और आदेश को वापस लें, अन्यथा शिक्षक विरोध में सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।

डीईओ ने कही ये बात



बांका जिला शिक्षा अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि आयुक्त के आदेश पर सीएल के संबंध में पत्र जारी किया गया है। इस पत्र का मतलब शिक्षकों को परेशान करना नहीं है। वे लोग चाहते हैं कि शिक्षकों की छु्ट्टी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो।

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