साहिबगंज के मशहूर चित्रकार श्याम विश्वकर्मा की सोहराई पेंटिंग मोदी को की जाएगी भेंट.....पढ़िए कौन हैं श्याम विश्वकर्मा ?

PM Modi Deoghar Visit:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 1:00 बजे झारखंड के देवघर आ रहे हैं ।देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन व मंदिर में पूजा के बाद देवघर कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे ।इसके लिए जोर शोर से तैयारी की गई है ।देवघर दौरे पर गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे पीएम मोदी का स्वागत चांदी से निर्मित भैरव बाबा बैधनाथ का शिवलिंग से करेंगे। बाबूलाल मरांडी व दीपक प्रकाश पीएम मोदी को कमल निशान का पट्टा ओढ़ाकर उनका स्वागत करेंगे । झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन साहिबगंज के चित्रकार व मूर्तिकार श्याम विश्वकर्मा की टेराकोटा पेंटिंग प्रधानमंत्री मोदी को भेंट करेंगे।

कौन है श्याम विश्वकर्मा,जिनकी सोहराई पेंटिंग pm मोदी को भेंट करने वाले हैं हेमंत सोरेन।

चित्रकार श्याम विश्वकर्मा झारखंड के साहिबगंज जिले के शास्त्री नगर फीस सोसाइटी के पीछे के रहने वाले हैं ।पटना कॉलेज से फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट से ग्रेजुएट है । टेराकोटा स्टेट अवार्ड 2016 समेत कई पुरस्कार उन्हें अब तक मिल चुके हैं।

दुसरी बार पी एम मोदी को भेंट की जा रही श्याम विश्वकर्मा की पेंटिंग

साहिबगंज के श्याम विश्वकर्मा नामचीन चित्रकार एवं मूर्तिकार हैं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन द्वारा पीएम मोदी को भेंट करने के लिए श्याम विश्वकर्मा के ही पेंटिंग को चुना गया है। हालांकि इससे पहले भी श्याम विश्वकर्मा की पेंटिंग पीएम मोदी को भेंट की जा चुकी है जब प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी गंगा पुल और बंदरगाह का शिलान्यास करने झारखंड के साहिबगंज दौरे पर आए थे। उस समय झारखंड के सीएम रघुवर दास थे।

हैंडीक्राफ्ट (जसीडीह )के सहायक निदेशक भुवन भास्कर ने चित्रकार एवं मूर्तिकार श्याम विश्वकर्मा को सोहराई टेराकोटा पेंटिंग तैयार करने को कहा था। श्याम विश्वकर्मा ने दिन रत मेहनत कर इसे तैयार किया ।वरिष्ठ पदाधिकारियों की चयन प्रक्रिया एवं स्वीकृति के बाद सीएम हेमंत सोरेन द्वारा पीएम मोदी को इनकी पेंटिंग भेंट करने का निर्णय लिया गया है ।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नरेंद्र मोदी को सोहराई पेंटिंग भेंट करेंगे।

टेराकोटा के जरिए तैयार की गई सोहराई पेंटिंग की खासियत।

साहिबगंज के चित्रकार श्याम विश्वकर्मा का कहना है कि उनके पेंटिंग कोहबर तथा सोहराय कला पर आधारित है। यह झारखंड की जनजातियां कला है। इन कलाओं के जरिए वंश वृद्धि तथा फसल वृद्धि का चित्रण किया गया है। शादी विवाह के मौके पर तथा फसल कटाई पर सोहराय कला की परंपरा सदियों पुरानी से चली आ रही है । इन कलाकृति में पशु- पक्षी प्रेम एवं प्रकृति में विचरण करते दर्शाया गया है ।जीव जंतुओं और प्रकृति के विभिन्न रूपों का चित्रण है ।इसे टेराकोटा के माध्यम से किया गया है ।इसमें फाइबर ग्लास की परत लगाई गई है। इसमें उभार लाने की कोशिश की गई है । जिससे उनकी पेंटिंग झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

HPBL Desk
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