रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा को तगड़ा झटका देकर सीता सोरेन अब भाजपा में शामिल हो सकती है। चर्चा है कि आज ही सीता सोरेन भाजपा का कमल पकड़ सकती है। जानकारी के मुताबिक सीता सोरेन अभी दिल्ली में मौजूद हैं और आज बीजेपी का दामन थाम लेंगी। वह झामुमो में महासचिव के पद पर थीं। सीता सोरेन ने पत्र लिखकर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को इस्तीफे की जानकारी दी। सीता सोरेन ने विधायक के साथ-साथ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

हालांकि अभी तक इस्तीफे का लेटर विधानसभा स्पीकर के पास नहीं पहुंचा है। आपको बता दें कि सीता सोरेन पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. उनकी दो बेटियां हैं, जिसका नाम राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन है। दोनों अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन किया था. इसका नाम दुर्गा सोरेन सेना रखा था। सीता सोरेन ने हेमंत के जेल जाने के 48 दिन बाद पार्टी और पद छोड़ा है। दरअसल हेमंत सोरेने के जेल जाने के बाद जब नयी सरकार का गठन हो रहा था, तभी से सीता सोरेन नाराज चल रही थी।

हालांकि बाद में ये खबर आयी कि सीता सोरेन को पार्टी ने मना लिया है। खबर ये भी थी कि सीता सोरेन को मंत्री पद दिया जा सकता है। लेकिन जब कैबिनेट का गठन हुआ, तो सीता सोरेन का पत्ता फिर कट गया। इधर कल्पना सोरेन लगातार राजनीति कि सीढियां चढ़ती जा रही थी। जाहिर है एक बहू को तवज्जो मिलने पर बड़ी बहू की नाराजगी बढ़ती चली गयी। 15 दिन पहले, 4 मार्च को हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गिरिडीह में JMM के स्थापना समारोह में अपनी सक्रिय राजनीति की शुरुआत की थी। इसके ठीक 15 दिन बाद उनकी जेठानी सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। अब वो नाराजगी इस्तीफा के रूप में सामने आयी है। चर्चा है कि वो भाजपा में शामिल हो सकती हैं। सीता सोरेन JMM सुप्रीम शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। इसके अलावा वे दुमका के जामा से 3 बार की विधायक और पार्टी की केंद्रीय महासचिव भी हैं।

झारखंड की सियासत में सीता सोरेन की पकड़ भी मजबूत मानी जाती है, लेकिन हेमंत सोरेन और उनके परिवार की छाया में सीता सोरेन की दोनों बेटियां राजश्री और जयश्री अपनी मजबूती साबित नहीं कर पा रही थीं। सीता सोरेन चाहती हैं कि उनकी बेटियां भी राजनीति में आएं। दोनों ने दुर्गा सोरेन नाम की एक सेना भी बना रखी है। सीता सोरेन के इस्तीफे पर पार्टी नेता मनोज मनोज पांडे ने कहा- ये खबर दुर्भाग्यपूर्ण है। वे पार्टी की एक महत्वपूर्ण अंग हैं। सोरेन परिवार की बहू हैं। जब कोई भी अंग में थोड़ी भी चोट पहुंचती है तो पूरे शरीर को दर्द होता है। हम उम्मीद करेंगे की वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें। इस पार्टी में जो सम्मान उन्हें मिला, मुझे नहीं लगता कि कहीं और मिलेगा। उन्हें इस प्रकार का निर्णय नहीं लेना चाहिए था। अगर वे हमारे विरोधियों के बहकावे में आ गईं हैं तो वे खुद अपना नुकसान करेंगी।

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