SI 15000 रुपये लेते गिरफ्तार: आरोपी की गिरफ्तारी के लिए CO के भाई से मांग रहा था घूस, टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

Arrested Taking Bribe: सब इंस्पेक्टर को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। एसआई ने लूटपाट की एक घटना को लेकर गिरफ्तारी के लिए सीईओ के भाई से घूस मांगी थी। विजिलेंस की टीम ने 15000 रुपये घूस लेते उन्हें गिरफ्तार किया है। मामला बेगुसरया के भगवानपुर थाना का है। दरअसल पीड़ित ने लूट-पाट और मारपीट का आवेदन दिया था। सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार झा आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 15000 रुपये घूस मांग रहे थे। परेशान होकर इसकी सूचना विजिलेंस को दी, इसके बाद जांच में मामला सही पाए जाने पर घूस मांगने वाले को गिरफ्तार किया गया।

कमाल की बात ये है सब इंस्पेक्टर ये जानते थे कि फरियादी के भाई सीओ हैं, बावजूद इसके वो रिश्वत मांग रहे थे। विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार करने के बाद आरोपी को जिला मुख्यालय नहीं लाया। बेगूसराय जिले की सीमा में विजिलेंस की गाड़ी कहीं नहीं रुकी। डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में विजिलेंस की टीम उसे लेकर सीधा बेगूसराय की सीमा से बाहर ले गई। मोकामा के आसपास गाड़ी रोककर उससे पूछताछ की गई। साथ में पीड़ित पक्ष भी था, उससे भी पूरी जानकारी ली गई।

जिसमें स्पष्ट हो गया कि लूट और मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गिरफ्तारी के लिए रुपए मांगे गए थे। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने विजिलेंस की टीम से संपर्क किया।इस मामले में थानाध्यक्ष की चुप्पी साध रखी है। गिरफ्तारी के बाद थानाध्यक्ष फोन भी रिसीव नहीं कर रहे हैं।पीड़ित सौरभ कुमार ने कहा कि हम लोगों ने लूट-पाट और मारपीट का आवेदन दिया था। इसमें सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार झा आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 15000 बार-बार मांग रहे थे। परेशान होकर विजिलेंस को सूचना दी, इसके बाद जांच में मामला सही पाए जाने पर घूस मांगने वाले को गिरफ्तार किया गया।

सौरभ ने बताया कि 7 मई को मैं अपने घर पर था। इसी दौरान स्थानीय अंकित कुमार उर्फ डॉन, विकास कुमार उर्फ लाल जी, अकहा निवासी हिमांशु कुमार, प्रियांशु कुमार और दलसिंहसराय निवासी मुकुल कुमार लाठी-डंडा और हथियार से लैस होकर मेरे घर पर आए। गाली-गलौज करते हुए धमकाने लगे। आरोपियों ने 15 दिन पहले धमकी दी थी कि चैन से रहना है तो रंगदारी 5,00,000 देना होगा। मेरे भाई मकसूदन चौरसिया रोहतास में अंचलाधिकारी हैं।

मामले में जब पीड़ित पक्ष ने शिकायत की तो, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की। रिश्वत मांगी गयी। आखिरकार परेशान को विजिलेंस से इसकी शिकायत की गयी और फिर रिश्वत लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी की गयी।

HPBL Desk
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