रांची : झारखंड हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा का देहांत हो गया. पिछले कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया गया था. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में वो इलाजरत थे. उन्होंने शनिवार की रात करीब 2 बज कर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली।

AJPMA ने जताया दुख

अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा के निधन पर ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन (AJPMA ) ने गहरा दुख व्यक्त किया है। एसोसिएशन के प्रदेश कमिटी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा की श्री सिन्हा महाधिवक्ता के पद पर रहते झारखंड के भविष्य की दिशा में एक नई राह दिखाई। अनुबंधकर्मियों के नियमित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की।

एसोसिएशन के थे कानूनी सलाहकार

एसोसिएशन के प्रदेश कमिटी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा की एसोसिएशन से उनका गहरा रिश्ता था, महाधिवक्ता के पद पर नहीं रहने के बावजूद एसोसिएशन के कानूनी सलाहकार के रूप में उनका अतुलनीय योगदान रहा। हाल के दिनो मे भी जब सरकार के नियमितीकरण नियमावली को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी तब AJPMA के तरफ से अनिल कुमार सिन्हा ही बतौर अधिवक्ता हाईकोर्ट में बहस की, और उनके सलाह पर ही राजेंद्र कृष्ण और अन्य वकिल को हाईकोर्ट में खड़ा किया।

जिनके परिणाम स्वरूप चुनौती देने वाली याचिका की डबल बेंच ने खारिज कर दिया। मालुम हो की तत्कालीन अर्जुन मुंडा कि सरकार के समय महाधिवक्ता रहते स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध चिकित्सक और पारा मेडिकल कर्मियों के नियमितीकरण मामले पर विधि विभाग की तरफ से राय दी थी।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालो में धर्मेंद्र कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, उमा काबरा, चंदन ठाकुर, सुनंदा जायसवाल, चंदन कुमार, आनंद यादव, मनोज कुमार, सजल कुमार, बहामुनी हेंब्रम, संजय कुमार सहित एसोसिएशन के सभी सदस्य उपस्थित थे।

कैसा था इनका सफर

बता दें, अनिल कुमार सिन्हा ने वर्ष 1976 में वकालत के पेशे को ज्वाइन किया था. अनिल कुमार सिन्हा सीनियर एडवोकेट और पूर्व महाधिवकता झारखंड में साल 2002 में पहली बार महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त हुए थे. साल 2008 में एक बार फिर से उन्हें महाधिवक्ता नियुक्त किया गया था. वे अब तक सबसे लंबे समय तक महाधिवक्ता रह चुके है.

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