रांची। कर्मचारियों को वेतन रोकने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने श्रम सचिव को तलब किया है। श्रम सचिव राजेश कुमार शर्मा को 6 अप्रैल को हाईकोर्ट में पेश होना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि श्रम सचिव बताएं कि क्यों विभाग की ओर से इश्मत अंसारी को बकाये का भुगतान नहीं किया गया। दरअसल कोर्ट ने यह आदेश एक वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर की राशि भुगतान न करने पर दिया। जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर इश्मत अंसारी की याचिका पर सुनवाई की।

श्रम विभाग ने इश्मत अंसारी और 37 अन्य वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर को सरकार की कौशल विकास केंद्र योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए नियुक्त किया था। कुछ सूचनाओं के आधार पर, 38 केंद्रों में भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो की ओर से एक निरीक्षण किया गया, जहां अंसारी और अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रोवाइडर कार्यरत थे। निरीक्षण के दौरान प्रशिक्षण केंद्रों में उनके कामकाज और केंद्रों को चलाने में शामिल वित्त में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के निरीक्षण के मद्देनजर विभाग ने इश्मत अंसारी का बकाया रोक कर रखा।

वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे थे। उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों को कई आवेदन दिए लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडरों ने याचिका दायर की थी। व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रोवाइडर इश्मत अंसारी की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने छह अप्रैल को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि श्रम सचिव बताएं कि क्यों विभाग की ओर से इश्मत अंसारी को बकाये का भुगतान नहीं किया गया।

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