जमुई। बिहार में पूर्व मंत्री की अंतिम विदाई में पुलिसकर्मियों ने अपने ही विभाग की फजीहत करवा दी। पूर्व मंत्री को अंतिम विदाई के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पुलिसकर्मी बिना कारतूस के ही पहुंच गये। आलम ये हुआ कि राइफल से सलामी की जब बारी आयी, तो एक भी कारतूस छुटा ही नहीं। मामला जमुई का है, जहां दिवंगत पूर्व मंत्री अर्जुन मंडल की अंतिम विदाई में बिना कारतूस के ही पुलिसकर्मी पहुंच गए थे।

खबर है कि पूर्व मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए पहुंचे सिपाही अपना कारतूस ही भूल कर आए थे। सिपाही इसके बाद कारतूस लेने के लिए गए, इसके बाद एक घंटा 23 मिनट के बाद दूसरी बार जमुई के दिवंगत पूर्व मंत्री अर्जुन मंडल को गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। गार्ड ऑफ ऑनर के इंतजार में पूर्व मंत्री का पार्थिव शरीर 1 घंटे 23 मिनट तक चिता के समीप रखा रहा। जिसके बाद दोबारा पूर्व मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और अंतिम संस्कार किया जा सका।

जानकारी के मुताबिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देने के दौरान जब जवानों ने फायर किया तो एक भी गोली चली ही नहीं। नजारा देखकर अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद तमाम पदाधिकारी और समर्थक सन्न रह गये। बाद में पता चला कि एक भी पुलिसकर्मी की राइफल में कारतूस ही नहीं है। जिसकी वजह से गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान फायर नहीं हो सका।

राइफल को जांच के दौरान पता चला कि उसमें कारतूस ही नहीं था। जिसके बाद आनन फानन में पुलिस लाइन से कारतूस लाया गया। इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर में 20 मिनट की देरी हुई। दिवंगत पूर्व मंत्री को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जमुई एसपी ने इस मामले में एक पुलिसकर्मी विजेंद्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है।

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