रांची । झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा राज्य में शिक्षक बहाली का विज्ञापन जारी करने के बाद विरोध के स्वर भी उठने लगे है। कभी उम्र सीमा में छूट का मामला हो या कभी आरक्षण का मुद्दा। नए नए में आने से शिक्षक अभ्यर्थी परेशान है। काफी लंबे समय से इंतजार के बाद झारखंड में 26 हजार सहायक आचार्य नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

उम्र सीमा में मिली छूट

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इसके लिए आवेदन जमा करने की तिथि घोषित कर दी है. नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2019 के आधार पर की जायेगी. वहीं न्यूनतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2023 से की जायेगी. ऐसे में अभ्यर्थी को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित उम्र सीमा में चार वर्ष की छूट मिलेगी. वहीं अभ्यर्थी उम्र सीमा में छूट को लेकर किये गये प्रावधान को नियमावली के विपरीत बता रहे हैं और चार वर्ष की छूट से संतुष्ट नहीं हैं।

क्या कहते हैं शिक्षक अभ्यर्थी

शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली के अनुसार, उम्र सीमा में सात वर्ष की छूट मिलनी चाहिए, जबकि जारी विज्ञापन के अनुसार, अधिकतम उम्र सीमा में चार वर्ष की ही छूट दी गयी है. विज्ञापन के अनुसार, अनारक्षित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष रखा गया है. चार वर्ष की छूट मिलने पर 44 वर्ष तक के अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे.

अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग के 46 वर्ष तक के अभ्यर्थी, अनारक्षित व अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग की 47 वर्ष तक की महिला अभ्यर्थी व 49 वर्ष तक के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी आवेदन जमा कर सकेंगे. राज्य में 58 वर्ष तक के पारा शिक्षक आवेदन जमा कर सकेंगे. नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित है.

स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र का जारी हुआ गाइडलाइन

विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य में दो जून 2016 के पूर्व किसी भी स्तर से निर्गत स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा. अंचलाधिकारी स्तर से 19 जुलाई 2019 के पूर्व का निवासी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा. इसके पूर्व का अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र मान्य होगा.

सात वर्ष के छूट की रखी मांग

सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 में कहा गया है कि सभी अभ्यर्थियों को पिछली नियुक्ति परीक्षा व आगामी नियुक्ति परीक्षा की बीच के अंतराल अवधि में एक वर्ष छोड़कर अधिकतम उम्र सीमा में छूट दी जायेगी. इसे स्पष्ट करते हुए उदाहरण के साथ नियमावली में कहा गया है कि सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए अगर वर्ष 2015 में विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद अगर द्वितीय विज्ञापन वर्ष 2020 जारी किया गया है तो एक वर्ष घटाने के बाद उम्र सीमा में अधिकतम चार वर्ष की छूट दी जायेगी.

क्या कहते है अभ्यर्थी संघ

झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल अभ्यर्थी संघ के परिमल कुमार का कहना है कि राज्य में पिछली शिक्षक नियुक्ति का विज्ञापन वर्ष 2015 में जारी हुआ था. इसके बाद अब इस वर्ष विज्ञापन जारी हुआ है. ऐसे में नियुक्ति के लिए आठ साल बाद विज्ञापन जारी हुआ है. नियमावली के अनुसार इसमें एक वर्ष घटाने के बाद सात वर्ष की छूट उम्र में मिलनी चाहिए, जो विज्ञापन में नहीं दी गई है।

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