देवघर। झारखंड के साइबर ठग पूरे देश के लिए सरदर्द बने हुए हैं। कभी केवाईसी अपडेट, तो कभी बिजली बिल जमा करने…और कभी फेसबुक-व्हाटसएप की क्लोनिंग कर ठगी का नया –नया तरीका खोजने वाले साइबर ठगों को कोर्ट ने सजा हुई है। देवघर में पहली बार साइबर ठगी के मामले में दो अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। ये सभी बैंक की केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर फर्जी मैसेज भेजकर, फोन कॉल के माध्यम से झांसा देकर, लिंक भेजकर तथा एटीएम कार्ड क्लोन कर लोगों के बैंक खाते से रुपये उड़ाते थे।

देवघर पुलिस ने 15 मई 2020 को आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। शनिवार को देवघर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-दो सह विशेष साइबर कोर्ट के जज संजीव भाटिया की अदालत ने साइबर ठगी के मामले में दुमका जिला के सरैया के चोरजोर गांव निवासी कृष्णा यादव व देवघर जिले के मोहनपुर के घोरमारा गांव निवासी विराट कुमार उर्फ लालू मंडल को साइबर ठगी के एक मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। ठगी के इस मामले में दोनों आरोपितों के अलावा देवघर जिला के करौं गांव निवासी राजू मंडल, इसी थाना क्षेत्र के जगाडीह गांव निवासी मुकेश मंडल व बिहार के बांका जिले के बौंसी के बगीचा गांव निवासी दिनेश कुमार को 10 वर्ष सश्रम कारावास और पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है। राशि अदा नहीं करने पर इन्हें तीन वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।

साथ ही उम्रकैद पाने वाले दोनों पर 20-20 लाख जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर इन दोनों को तीन-तीन वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। दोनों को आइपीसी की धारा 467 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।वहीं, जामताड़ा जिला के करमाटांड थाने अंतर्गत देवालबाड़ी गांव निवासी चेतलाल मंडल और करौं के जगाडीह गांव निवासी अतिज मंडल को सात वर्ष सश्रम की सजा और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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