रांची । झारखंड के आईएएस डा नितिन मदन कुलकर्णी के तारीफ करते हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है की हमें आप पर गर्व है. राज्यपाल ने डॉ कुलकर्णी को गुलदस्ता देकर सम्मानित भी किया. मामला बच्चे की जिंदगी और मौत से जुड़ा है जिसकी वजह से काफी चर्चा भी हो रही है।

क्या है मामला

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने हवाई जहाज में हजारीबाग के एक बच्चे की जान बचाई है. 30 सितंबर को रांची से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट में एक छह माह के बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई. बच्चे के माता-पिता बेहद परेशान हो उठे. तभी फ्लाइट में घोषणा की गई कि एक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई है. अगर विमान में कोई डॉक्टर मौजूद हैं, तो बच्चे की मदद करें. डॉ कुलकर्णी तत्काल अपनी सीट से उठे और उस बच्चे के पास पहुंचे.

उन्होंने बच्चे के माता-पिता से बातचीत की आवश्यक जानकारी ली. इसके बाद उसकी जांच की. बच्चे की मां से पूछा कि क्या उसे कुछ दवाइयां देतीं हैं. बच्चे की मां ने उन्हें सारी जानकारी दी. इसके बाद परिवार के पास जो दवाई उपलब्ध थी, बच्चे को खिलाई गई. साथ ही विमान में मौजूद ऑक्सीजन की मदद से बच्चे का उन्होंने उपचार किया. थोड़ी देर में बच्चे को आराम मिला और उसके माता-पिता के साथ-साथ विमान में मौजूद सभी लोगों ने राहत की सांस ली.

डा कुलकर्णी ने की है MBBS की पढ़ाई

मालूम हो कि नितिन मदन कुलकर्णी ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए. जमशेदपुर में जब वह उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) थे, तब कई बार एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जब वहां डॉक्टर नहीं होते, तो वह मरीजों का इलाज करने लगते थे. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग में सचिव भी रह चुके हैं. अभी राज्यपाल के प्रधान सचिव हैं.

राज्यपाल ने किया सम्मानित, कहा

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने रविवार को अपने प्रधान सचिव को सम्मानित किया. राजभवन ने राज्यपाल के साथ डॉ नितिन मदन कुलकर्णी की तस्वीर ट्वीट किया. राज्यपाल ने डॉ कुलकर्णी को शॉल ओढ़ाकर और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया. ट्वीट में लिखा, ‘आपके इस नेक कार्य पर मुझे गर्व है.

यह मानव सेवा को प्रदर्शित करता है. आपकी तत्परता से एक बच्चे की जान बचाने में जो मदद मिली, वह अत्यंत प्रशंसनीय है. आपके द्वारा किए गए कार्य मानवता की सेवा की दिशा में अन्य के लिए अनुकरणीय है. मालूम हो कि डॉ कुलकर्णी ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे की जान बचाई. जिस वक्त बच्चे की तबीयत बिगड़ी, उस समय इंडिगो की फ्लाइट 6ई5043 जमीन से 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था.

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