हजारीबाग। जिले की सुरक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ी जिम्मेदारी गश्ती वाहन की होती है। पर इन दिनों पीसीआर सड़कों पर अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रही है।गली मोहल्ले, सड़को पर गश्त करने करने वाली वाहनों का कम होने की बहुत बड़ी वजह ईंधन नहीं मिल पाना है।जिलों के पेट्रोल पंपों ने वाहन के लिए ईंधन देना बंद कर दिया है।

विभाग भी मानती है की सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए पेट्रोलिंग वाहन बहुत जरूरी है. विभिन्न पेट्रोल पंपों पर एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हो जाने से पीसीआर वाहन को ईंधन मिलना बंद हो गया है. इसके चलते पेट्रोल पंप संचालक अब उन्हें पहले की तरह ईंधन उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिससे हजारीबाग गश्ती वाहन प्रभावित हुआ है.

1करोड़ से ज्यादा बकाया 

कई पीसीआर गाड़ियों को पुलिस लाइन में खड़ा कर दिया गया है.सूचना के अनुसार एक-दो थाना प्रभारी अपने स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गश्त का प्रबंध करा रहे हैं.परंतु ये नाकामी है। शहरी इलाकों में गश्त प्रभावित है. आपातकाल के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी अपनी गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल ले रहे हैं.

इन पेट्रोल पंप से होती है आपूर्ति

प्राप्त जानकारी के अनुसार कारगिल पेट्रोल पंप, मीनाक्षी पेट्रोल पंप, डेमोटांड़ और छड़वा डैम वाले पेट्रोल पंप से पुलिस वाहनों को डीजल/ पेट्रोल की आपूर्ति की जाती थी. लेकिन उक्त तीनों पेट्रोल पंपों पर एक करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने के कारण उन्होंने डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति बंद कर दी है.

क्या कहते है अधिकारी

 पुलिस मुख्यालय राजीव कुमार ने बताया कि ईंधन के बकाया भुगतान की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे दी गयी है. जल्द ही पैसे का भुगतान कर दिया जायेगा. फिलहाल, पीसीआर की गाड़ियां अपने-अपने इलाकों में घूम रही हैं लेकिन अब इन्हें शिफ्ट वाइज कर दिया गया है.

पुलिस मुख्यालय सह पीसीआर प्रभारी राजीव कुमार ने माना की ईंधन नहीं मिलने के कारण ये समस्या उत्पन्न हो रही है. परंतु ये समस्या दूर हो जायेगी।शहर के भी इलाकों में पेट्रोलिंग वाहन दिखने लगेंगे। फिलहाल आपातकालीन उपयोग के लिए ईंधन लिया जा रहा है.

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