नयी दिल्ली। पति परमेश्वर….तुम्ही मेरे प्राणनाथ…..अबला बनकर पति को पूजने वाली महिला अब बदल चुकी है। अब ना तो वो पति का जोर सहती है और ना ही पति के जुल्म को चुपचाप देखती है….अब तक पत्नियां अपने पतियों को खूब पीटती है। कई मायनों में तो वो पति पर भी क्रूरता से बाज नहीं आती। आये दिन देश में पति की हत्या तक कराने का कलंक पत्नियों पर लगता है। ये सब बातें इसलिए सामने आ रही है, क्योंकि राजस्थान से एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो पत्नी से पीटते एक पति की है। पत्नी बल्ला लेकर पति को दौड़ा-दौड़ाकर पति को पीट रही है, पूरी घटना  CCTV में कैद हुई है। पत्नी से पीटते पति का ये VIDEO वायरल होने के बाद देश में फिर से एक आंकड़े सामने आये हैं। आईये पहले बात करते हैं उस वीडियो की, जिसका CCTV वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

दौड़ा-दौड़कर मारती है पत्नी

राजस्थान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला अपने पति को बैट को मारती हुई दिख रही है। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो अलवर का है। मार खा रहा पति एक सरकारी स्कूल का शिक्षक है। शिक्षक का नाम अजीत सिंह है। अजीत सिंह के घर का सीसीटीवी वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दिख रहा है कि उसकी पत्नी शिक्षक दौड़ा दौड़ाकर बैट से मार रही है। अजीत सिंह भिवाड़ी में रहते हैं। 9 साल पहले उसने सुमन से शादी की थी, शादी के बाद अब उनके रिश्ते बिगड़ने लगे और पत्नी उसकी पिटाई करती है।

10 में से एक महिला पति को पीटती है

पत्नी की प्रताड़ना से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देश के पति प्रताड़ित हैं। भारत में भी ये आंकड़े चौकाने वाले हैं। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 49 साल की 10 फीसदी महिलाएं ऐसी है, जिन्होंने कभी ना कभी अपने पति को पीटा है, वो भी तब जब उनके पति ने उन पर किसी भी तरह की हिंसा नहीं की। बिना वजह ही 10 फीसदी महिलाओं ने अपने पति के साथ मारपीट की है। सर्वे में करीब 11 फीसदी ऐसी महिलाएं भी थी, जिन्होंने ये माना था कि बीते एक साल में उन्होंने अपने पति के साथ हिंसा की है। सर्वे में ये बातें भी सामने आयी थी कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ पति के साथ हिंसा करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ जाती है। 18 से 19 साल की 1 फीसदी से भी कम महिलाओं ने पति के साथ हिंसा की, जबकि 20 से 24 साल की महिलाओं में 3 फीसदी से पति के साथ मारपीट की। वहीं 25 से 29 साल की 3.4 प्रतिशत, 30 से 39 साल की 3.9 और 40 से 49 साल की 3.7 महिलाओं ने पति को पीटा है। सिर्फ शहरों की ही नहीं ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी पति को पीटने में पीछे नहीं है। ग्रामीण इलाकों की महिलाएं तो पति को और पीटती है। शहरी इलाकों में पति को पीटने का प्रतिशत 3.3 है, जबकि ग्रामीण इलाकों में ये आंकड़ा 3.7 है।

पति हो पिटाई का शिकार तो क्या हैं अधिकार

कानून में मारपीट के मामेल में पति को भी वही अधिकार है जो पत्नियों को है। लेकिन कानून में जिस तरह से पत्नियों के पास घरेलू हिंसा में कानून है, वैसा अधिकार पतियों को नहीं है। पिछले साल जून में पति-पत्नी के ऐसे ही एक मामले की सुनवाई के दौरान मद्रास हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की थी। हाईकोर्ट ने इसे दुर्भाग्यजनक बताया था। पत्नी के खिलाफ पति को केस दर्ज कराने का घरेलू हिंसा का कानून नहीं है। ऐसे में अगर पत्नी पति को पीटती भी है तो वो मामला घरेलू हिंसा में नहीं आयेगा, बल्कि सिर्फ मारपीट की ही घटना होगी।

पति मांग सकता है तलाक- मारपीट के इस मामले के आधार पर पति मैरिज एक्ट की धारा 13 के तहत तलाक मांग सकता है। ये धारा कहती है कि अजी करने वाले के साथ दूसरा पक्ष क्रूरता, शारीरिक या मानसिक हिंसा कर रहा है तो वो तलाक ले सकता है। पति आईपीसी की धाराओं के तहत पत्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकता है।

आईपीसी धारा 120B- पति अपनी पत्नी पर अपने अपने परिवार के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज करा सकता है।

आईपीसी धारा 191 – अगर को लगता है कि उसकी पत्नी और कोई भी व्यक्ति अदालत या पुलिस में झूठे सबूत पेश कर रहा है तो वो दावा करते हुए केस दर्ज करा सकते हैं, कि उसे झूठे सबूत के आधार पर फंसाने की कोशिश की जा रही है।

आईपीसी धारा 506 – अगर पत्नी अपने पति को या उसके परिवार को या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देती है, तो इस धारा के तहत पति अपनी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज करा सकता है।

सीआरपीसी धारा 227 – अगर पत्नी दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आईपीसी धारा 498 A  के तहत झूठा केस करती है तो पति सीआरपी की धारा 227 के तहत अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है, कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ झूठा केस किया है। ऐसा करके वो पत्नी से प्रर्याप्त सबूत की मांग कर सकता है।

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