रांची। पारा टीचर्स को शिक्षक नियुक्ति में शामिल करने के आदेश का राज्य सरकार पालन करे। हाईकोर्ट में हुई अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश दिया गया है। सुधीर कुमार रजक सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी।पारा शिक्षकों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और तेजस्विता ने पक्ष रखा।

जानकारी के मुताबिक पूर्व में एकल पीठ ने वैसे सभी योग्य पारा शिक्षकों को सहायक शिक्षक नियुक्ति के काउंसिलिंग में बुलाने का निर्देश दिया था, जिन्होंने ने अपना आवेदन गैर पारा शिक्षकों के तौर पर दिया था। प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2016 में सहायक शिक्षक के पद पर सरकार ने नियुक्ति शुरु की थी। इसमें पारा शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।

कई पारा शिक्षकों ने गैर पारा श्रेणी में आवेदन दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ इस कारण उनको हक देने से इनकार कर दिया कि पारा शिक्षक के तौर पर उनकी नियुक्ति नहीं की जा सकती है। इस मामले में पूर्व में एकल पीठ ने योग्य पारा शिक्षकों को काउंसिलिंग में शामिल करने का निर्देश दिया, जिनका नंबर अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा था।

इसके खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। लेकिन राज्य सरकार की अपील खारिज हो गई। इसके बाद अवमानना याचिका दाखिल की गई। जिस पर अदालत ने कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। मामले में अब अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

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