राँची । राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरी भूगतान के लिए सभी मुखिया का डिजिटल सिग्नेचर दो दिन के अन्दर इनरॉल करने का आदेश दिया है। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी उपविकास आयक्तो सह जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र लिखा है। विभाग ने कार्य की महत्ता को देखते हुए एवं कार्य में सभी मुखिया जिनके कार्यकाल पूर्ण हो गया उनका डिजिटल सिग्नेचर वापस लेने का भी अधिकार दिया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि किसी पुराने मुखिया, पंचायत सचिव जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है उनका डिजिटल सिगनेचर इनरॉल ना हो।

दरअसल, कई परिवाद व शिकायत विभाग को मिले हैं कि अब भी पुराने मुखिया जो चुनाव हार चुके हैं उनके हस्ताक्षर से मजदूरी भुगतान सहित अन्य भुगतान हो रहा है। कई पंचायतों में अनियमित तरीके से राशि का भुगतान किया गया है। विभाग ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है और मनरेगा एक्ट के उल्लंघन भी बताया है। यह बात भी सामने आई है कि कई वर्तमान मुखिया का डिजिटल सिगनेचर इनरॉल नहीं होने से मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान नहीं हो पा रहा है। बता दें कि मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी देना अनिवार्य है।

केंद्र सरकार ने मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने के लिए राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में ई – एमएमएस लागु किया है ताकि मनरेगा अंतर्गत विभिन्न मदों में हो रहे व्यय का भुगतान पंचायत स्तर पर ई -एमएमएस के माध्यम से किया जा सके। लेकिन मनरेगा के प्रतिवेदन से यह बात सामने आ रही है कि राज्य के कुछ ग्राम पंचायतों में डिजिटल सिग्नेचर अब तक इनरॉल नही किया गया है जिससे मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में, विभाग ने सारे मुखिया का डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य किया है।

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