हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) । राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन की बहाली के बाद देश भर में पुरानी पेंशन की मांग उठने लगी है। NMOPS के बैनर तले पुरानी पेंशन की लड़ाई झारखंड में अब अंजाम पर आती दिख रही है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली चुनावी मुद्दा बन गया है। कर्मचारियों ने दो टूक सरकार को कह दिया है कि अगर पुरानी पेंशन बहाली नहीं हुई, तो कर्मचारी सरकार का साथ नहीं देंगे। चुनाव में कर्मचारियों को अलग विकल्प पर विचार करना पड़ेगा।

नई पेंशन योजना कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मंगलवार को प्रदेश के करीब 5 हजार कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए आक्रोश रैली निकाली। हमीरपुर टाउन हाल से गांधी चौक तक सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में मंगलवार को NPS कर्मचारियों ने हजारों की शक्ल में रैली निकालकर सरकार को चेतावनी दे दी। हमीरपुर के जिलाध्यक्ष राकेश धीमान की अगुवाई में निकली पुरानी पेंशन की बहाली रैली में कर्मचारियों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया, साथ ही सरकार को भी खुली चेतावनी दे दी।

महासम्मेलन को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश के प्रदेश ध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारियों के हित में फैसला लिया और पुरानी पेंशन को बहाल करने का ऐलान किया, तो ही कर्मचारी वर्ग सरकार का साथ देंगे। वरना, अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा। उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस बहाल कर दी गयी है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश में इसे लागू करने में क्या दिक्कत है।

कर्मचारियों ने विधानसभा के मानसून सत्र से पहले प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम रमेश को चेताया है कि कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अडिग है और उसे लेकर ही रहेगा। हमीरपुर के जिलाध्यक्ष ने बताया कि जब तक उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाता, तब तक वे संघर्ष करते रहेंगे। पुरानी पेंशन बहाली नहीं हुई तो विधानसभा के मानसून सत्र में हमीकर से 4 से 5 हजार की संख्या में कर्मचारी शिमला कूच करेंगे।

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