रांची। ED के बाद झारखंड में अब CBI की भी इंट्री होने वाली है। हालांकि CBI की जांच जमीन या मनरेगा घोटाला में नहीं, बल्कि नींबू पहाड़ पर अवैध खनन के मामले में हो सकती है। हाईकोर्ट की तरफ से सीबीआई जांच पर लगी रोक हटाये जाने के बाद अब मामले की जांच सीबीआई के हवाले हो सकती है। आपको बता दें कि नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में राज्य सरकार की सहमति के बगैर सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज करने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

जाहिर है अगर जांच की शुरुआत हुई, तो इसकी जद में कई लोग आ सकते हैं। आंच फिर से सीएम के आसपास पहुंच सकती है। दरअसल आरोप ये भी है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र एवं अन्य के संरक्षण में ही अवैध खनन संचालित हो रहा था। विजय हांसदा ने पूर्व में पंकज मिश्रा एवं अन्य द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर जो शिकायत की थी, उसकी सीबीआई जांच करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया था।

हालांकि बाद में विजय हांसदा ने अपने उस याचिका को वापस लेने का अनुरोध कोर्ट से किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसके इस आग्रह को नहीं मानते हुए दबाव में याचिका वापस लेने के आग्रह और नींबू पहाड़ अवैध खनन की वस्तुस्थिति की प्रारंभिक जांच करने का आदेश सीबीआई को दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार की याचिका खारिज की। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने पर कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।

राज्य सरकार की तरफ से ये कहा गया है कि अगर सीबीआई को कुछ मिला था तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी। लेकिन, सीबीआई ने बिना हाईकोर्ट की अनुमति एवं राज्य सरकार की सहमति के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर 20 दिसंबर 2023 को प्राथमिक दर्ज की थी जिसे राज्य सरकार ने चुनौती दी थी। अब इस मामले में जांच आगे बढ़ सकेगी।

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