रांची। JSSC पेपर लीक मामले में सरकार की चुनौतियां बढ़ती जा रही है। SIT जांच पर विपक्ष मानने को तैयार नहीं है। एक तरफ जहां भाजयुमो आंदोलन पर उतर गया है, तो वहीं दूसरी तरफ आजसू ने भी आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। कुल मिलाकर दोनों प्रमुख विपक्षी दल SIT के बजाय CBI जांच के लिए सरकार की घेराबंदी में जुट गया है। भाजयुमो ने जेएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर राजभवन के समीप धरना दिया। धरना में शामिल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह सिर्फ नौजवानों के साथ ही नहीं, पूरे प्रदेश के साथ भ्रष्टाचार हुआ है। अगर कोई पैसा लेकर पदाधिकारी या कर्मचारी बनाता है तो यह स्पष्ट है की करप्शन की बुनियाद पड़ेगी और उससे करप्शन ही फले-फूलेगा।

इधर आजसू ने भी 17 को JSSC पेपर लीक मामले में प्रदर्शन का ऐलान किया है। आजसू के सचिव एस अली ने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में बड़ी मात्रा में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की बात कही है। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर गठित एसआईटी से आजसू पार्टी संतुष्ट नहीं है। पेपर लीक मामले में अखिल झारखंड छात्र संघ 12 फरवरी को सभी कॉलेज, विश्वविद्यालय मुख्यालय पर हस्ताक्षर अभियान, 13 फरवरी की संध्या में मशाल जुलूस और प्रदर्शन, 15 फरवरी को सभी उपायुक्त महोदय को पत्र सीबीआई जांच की मांग हेतु और 17 फरवरी को राजभवन के समक्ष एकदिवसीय प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।

आजसू ने कहा है कि वो सीजीएल परीक्षा की जांच सीबीआई से कराने, इस परीक्षा में हुए धांधली को लेकर विरोध कर रहे निर्दोष छात्रों पर हुए प्राथमिक को अविलंब वापस लेने, झारखंड चयन आयोग के अध्यक्ष सहित सभी अधिकारियों को बर्खास्त करने और गलत तरीके से चयनित परीक्षा एजेंसी को काली सूची में डालने एवं झारखंड नकल कानून के तहत कानूनी कार्यवाई करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरेगा।

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