छात्रों के काम की खबर : अब ग्रेजुएशन के बाद ही कर सकेंगे PHD, मास्टर की जरूरत नहीं…..यूजीसी की नयी एजुकेशन पॉलिसी
नई दिल्ली: भारत की बदलती शिक्षा नीति में छात्रों को मास्टर कोर्स करने की चिंता नहीं होगी। PHD का सपना देख रहे छात्र 4 साल ग्रेजुएशन के बाद सीधा पीएचडी में एडमिशन ले सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि 4 वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे पीएचडी कर सकते हैं और उन्हें मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी।
4 साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के फायदों के बारे में बताते हुए यूजीसी अध्यक्ष ने कई जरूरी बातें कही।
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि 4 साल के ग्रेजुएशन प्रोग्राम के पूरी तरह से लागू होने तक 3 साल के ग्रेजुएशन कोर्स को बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि यूनिवर्सिटीज के पास तीन या चार साल प्रोग्राम के बीच चयन कर सकते हैं। उन्होंने बुधवार को न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या विश्वविद्यालयों के लिए ऑनर्स डिग्री के लिए 4 साल के पैटर्न पर माइग्रेट करना अनिवार्य है, उन्होंने कहा यह विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है।
बता देंगे यूजीसी ने हाल ही में फोर व्हीलर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम का करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क घोषित किया है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत तैयार ये करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क छात्राओं के लिए एक इनोवेटिव और लचीली उच्च शिक्षा प्रदान करेगा। यूजीसी ने इस पाठ्यक्रम को स्नातक कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट ढांचे के साथ विकसित किया है। उन्होंने कहा क्योंकि FYUP करिकुलम मल्टीपल कोर्स, एबिलिटी बेस्ट कोर्स, स्किल कोर्स, वैल्यू ऐडेड कोर्स और इंटर्नशिप शामिल है। यह छात्रों के लिए रोजगार लेने या उच्च अध्ययन के लिए अवसरों को बढ़ाएगा।
3 साल में डिग्री और 4 साल में ऑनर्स डिग्री का प्लान
यूजीसी के अनुसार जो छात्र तीन साल में ग्रेजुशन करना चाहते हैं उन्हें 120 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे, जबकि 4 साल में यूजी ऑनर्स की डिग्री के लिए 4 साल में 160 क्रेडिट हासिल करने होंगे। (अकादमी घंटों की संख्या के माध्यम से मापा जाता है क्रेडिट)
रिसर्च ऑनर्स डिग्री का भी ऑप्शन
जारी करिकुलम में अगर कोई छात्र है रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहता है तो उन्हें अपने 4 साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। फिलहाल छात्रों को 3 साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है। यूजीसी के मुताबिक जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं और मौजूदा चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अनुसार 3 साल के यूजी प्रोग्राम में है वह 4 साल के अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम को आगे बढ़ाने के लिए पात्र हैं। विश्वविद्यालय उन्हें प्रोग्राम में बदलाव के लिए ब्रिज कोर्स (ऑनलाइन) का ऑप्शन देगा।