पटना। स्कूलों में मिड डे मिल की खराब गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। अब स्कूलों में बच्चों को दिये जाने वाले मिड डे मिल की जांच उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र करेंगे। राज्य मध्याह्न भोजन निदेशालय को इस बाबत दिशा निर्देश केंद्र ने दे दिया है। उच्च शिक्षणा संस्थानों के फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिड-डे मील की गुणवत्ता जांच करेंगे। साल में कम से कम एक स्कूल में जाकर फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग में पढ़ाई करने वाले छात्रों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की पड़ताल की जाएगी। साथ ही खुद भी उसे चखकर उसकी रेटिंग करनी होगी। जांच की रिपोर्ट निदेशालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय को देनी होगी।

आपको बता दें कि स्कूली बच्चो को गर्मागर्म भोजन मुहैया करायी जाती है। शिक्षा मंत्रालय मिड डे मिल को गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है।  उच्च शिक्षण संस्थानों के फूड एंड न्यूट्रिशन विभाग में पढ़ने वाले छात्रों को हर साल अनिवार्य रूप से एक स्कूल का दौरा करना होगा। जो उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होगा। इस दौरान छात्रों को मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया एक फार्मेट भी भरना होगा, जिसमें भोजन से जुड़ी करीब 25 जानकारियां देनी होगी।

निर्देश के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय को भेजे गये रिपोर्ट में बताना होगा कि खाना अच्छा है, सामान्य या फिर खराब है। इन तीनों में से कोई भी एक विकल्प उन्हें चुनना होगा। इसके साथ ही बताना होगा कि जिस दिन स्कूल वह गए थे, उस दिन छात्रों की संख्या कितनी थी। खाना स्कूल में बनाया गया था या फिर किसी जगह से बनकर आया था। खाने का स्टाक कितने दिन का था। खाना एलपीजी से बनाया जाता है या फिर किसी दूसरे ईंधन से। स्कूल में न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित किया गया है या नहीं। खाना क्या तय मिन्यू के तहत परोसा गया था या नहीं।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...