myanmar earthquake: म्यांमार मदद के लिए भारत चला रहा ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’

नई दिल्ली: म्यांमार में 7.7 तीव्रता वाले भूकंप के कारण उत्पन्न हुई स्थिति वाकई चिंताजनक है। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल हजारों लोगों की जान ली है, बल्कि पूरे देश में भारी तबाही मचाई है। युद्ध की स्थिति पहले से ही देश के लिए एक गंभीर संकट है, और अब इस भूकंप ने और भी अधिक संकट पैदा कर दिया है। भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं, जिससे लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
संभावना है कि इससे राहत कार्यों में भी मुश्किलें आएंगी क्योंकि कई इलाकों में संचार और परिवहन की स्थिति भी बिगड़ी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समय म्यांमार के लिए सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, ताकि मृतकों की संख्या को कम किया जा सके और घायलों का उपचार किया जा सके। क्या आप इस बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या कुछ और जानना चाहते हैं?
myanmar earthquake:भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए सबसे पहले बचाव दल भेजा
उधर, भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए म्यांमार में सबसे पहले बचाव दल भेजकर और मानवीय सहायता प्रदान करके राहत कार्यों में मदद पहुंचाई है। भारत ने भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ चलाया है और शनिवार को 15 टन राहत सामग्री भेजी।
myanmar earthquake:भारतीय नौसेना के पोत 40 टन और सहायता साम्रगी लेकर रवाना
भारतीय वायु सेना के विमान और नौसेना के जहाजों को भूकंप प्रभावित राष्ट्र की सहायता के लिए तैनात किया गया है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है और हरसंभव सहायता करेगा।
myanmar earthquake:भूकंप के कारण अब तक 1,644 लोगों की मौत
उधर, सेना के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार भूकंप के कारण अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 3,408 अन्य लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा काफी लोग लापता बताए जा रहे हैं।
myanmar earthquake:मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका
भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुईं कई इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं, जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है। शक्तिशाली भूकंप से काफी संख्या में इमारतें जमींदोज हो गई हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पुल ढह गए हैं और एक बांध भी टूट गया है। सैन्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान तस्वीरें जारी की हैं। राष्ट्रपति भवन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
myanmar earthquake:क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए काम शुरू
राजधानी नेपिता में शनिवार को बचाव कर्मियों ने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए काम शुरू किया। इस बीच अधिकांश शहर में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं ठप रहीं। म्यांमार की सरकार ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्त की बड़ी मांग है। सीनियर जनरल ह्लाइंग ने कहा कि म्यांमार बाहरी सहायता स्वीकार करने के लिए तैयार है।झारखंड ब्रेकिंग: मंत्री सहित कई नेताओं पर दर्ज हुई FIR, थाना प्रभारी के शिकायत पर हुई कार्रवाई, जानिये क्या है पूरा मामला
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को एक्स पर लिखा- ” आपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यंगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है। म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी।” इस दौरान विदेश मंत्री म्यांमार के लिए भेजे जा रहे दूसरे सहायता पैकेज की तस्वीरें भी साझा कीं।
उन्होंने लिखा-”भारतीय नौसेना के पोत आइएनएस सतपुरा और आइएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यंगून के बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं।” जयशंकर ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय खोज और बचाव टीम म्यांमार की राजधानी नेपिता पहुंच गई है।
myanmar earthquake:आगरा से 118 सदस्यीय एक फील्ड हॉस्पिटल भी भेजा गया
उधर रक्षा मंत्रालय के अनुसार आगरा से 118 सदस्यीय एक फील्ड हॉस्पिटल भी हवाई मार्ग से वहां भेजा जा रहा है। यह घायलों को मौके पर ही तात्कालिक चिकित्सा सहायता प्रदान करता है। इस अभियान के तहत, भारतीय सेना 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र स्थापित करेगी। इसमें आपातकालीन सर्जरी तक की सुविधा उपलब्ध होगी।
इससे पूर्व सुबह, भारत ने म्यांमार के यंगून शहर में 15 टन राहत सामग्री भेजी, जिसे इसे भारतीय वायु सेना के सी130जे सैन्य विमान ने वहां पहुंचाया। अधिकारियों के अनुसार, इनमें तंबू, सोने के बैग, कंबल, तैयार भोजन, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल थीं।
myanmar earthquake:म्यांमार सहायता के लेकर पहुंचा दूसरा विमान
शनिवार शाम को दूसरे विमान ने भी म्यांमार के लिए उड़ान भरी। अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार के लिए राहत सामग्री के साथ दो और वायु सेना विमान लोड किए जा रहे हैं, जो जल्द ही हिंडन एयर फोर्स स्टेशन से उड़ान भरेंगे। यही नहीं आपरेशन ब्रह्मा के तहत 60 पैराशूट एंबुलेंस भी म्यांमार के लिए वायु मार्ग से भेजी जा रही हैं।
myanmar earthquake:भारतीय समुदाय में कोई हताहत नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए ”फर्स्ट रिस्पांडर” के रूप में कार्य किया है। अब तक भारतीय समुदाय में कोई हताहत नहीं हुआ है। बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी और तब से ही देश में गृह युद्ध चल रहा है।
myanmar earthquake:म्यांमार में चल रहा गृह युद्ध
इस बीच, शनिवार रात को म्यांमार रजिस्टेंस मूवमेंट ने भूकंप राहत कार्यों के लिए आंशिक युद्धविराम की घोषणा की है। यह सत्तारूढ़ सैन्य शासन के खिलाफ जनआंदोलन छेड़े हुए हैं। इसमें कहा गया कि इसकी सशस्त्र शाखा, पीपुल्स डिफेंस फोर्स भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में दो सप्ताह तक आक्रामक अभियानों में विराम लगाएगी।
विनाशकारी भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि। एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है। आपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज एवं बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजे जा रहे हैं।- नरेन्द्र मोदी, पीएम।नर्स को फांसी: नर्स निमिषा को फांसी की सजा!, जानिये कौन है वो नर्स, जिसे दी गयी है सजा-ए-मौत..
myanmar earthquake:यह भी जानिये
- चीन और रूस म्यांमार की सेना के लिए हथियारों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं और वे भी सहायता कर रहे हैं। चीन ने 135 और रूस ने 120 बचाव कर्मियों के अलावा चिकित्सा किट भेजी हैं।
- संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए 50 लाख अमेरिकी डालर की सहायता की घोषणा की है।
- भूकंप म्यांमार में अपेक्षाकृत सामान्य बात हैं, क्योंकि यह देश सगाइन फाल्ट पर स्थित है, जो एक प्रमुख उत्तर
- दक्षिण भूकंपीय रेखा है। ब्रिटिश जियोलाजिकल सर्वे के भूकंप विज्ञानी ब्रायन बैपटिस्ट के अनुसार, इस फाल्ट का 200 किलोमीटर का एक खंड एक मिनट से अधिक समय तक फटा, जिससे तेज भूकंप आया।
- म्यांमार के पड़ोसी देश बैंकाक में भूकंप से 10 लोगों की जान गई है जबकि 16 घायल हुए हैं। 101 अन्य लापता हैं।
- शनिवार सुबह अफगानिस्तान में लगातार दो भूकंप आए, जिनकी तीव्रता चार से थोड़ी अधिक थी। किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।