नर्स को फांसी: नर्स निमिषा को फांसी की सजा!, जानिये कौन है वो नर्स, जिसे दी गयी है सजा-ए-मौत..
Nurse to be hanged: Nurse Nimisha sentenced to death! Know who is that nurse who has been given death sentence..

Big News : नर्स को फांसी की सजा सुनायी गयी है। इस सूचना के बाद नर्स के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। मामला केरल के एर्नाकुलम का है, जहां की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया यमन में मौत की सजा का सामना कर रही है। केरल की नर्स निमिषा प्रिया ने एक बड़ा और संकट भरा संदेश भेजा है।
नर्स ने अपने संदेश में दावा किया है कि जेल अधिकारियों को उसे फांसी देने के आदेश मिले हैं। ‘सेव निमिशा प्रिया’ फोरम को भेजे गए इस संदेश ने टेंशन बढ़ा दी है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस मैसेज ने सनसनी फैला दी है।
जानकारी के मुताबिक फोरम के संयोजक बाबू जॉन ने कहा कि, निमिषा ने जेल के अंदर जो सुना था उसके आधार पर जानकारी साझा की है और उन्हें अभी इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करनी है। केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की मूल निवासी निमिषा प्रिया को 2017 में यमन नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।
बताया जा रहा है कि नर्स निमिषा को 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद से भी निमिषा को राहत नहीं मिली और उसकी अपील खारिज कर दी गई।
निमिषा प्रिया की जान बचाने का आखिरा सहारा ब्लड मनी है, जिसके जरिए मृतक के परिजन को मुआवजा देकर माफी मांगी जा सकती है। हालांकि, उसकी मां और कार्रवाई समितियों द्वारा महीनों की बातचीत के बावजूद, पीड़ित परिवार ने मामला वापस लेने से इनकार कर दिया है।
जानिये नर्स को क्यों मिली है सजा-ए-मौत
केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने माता-पिता की मदद से यमन गई थीं। वहां उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया। 2011 में वे भारत लौटीं और केरल के टॉमी थॉमस से शादी की। इसके बाद 2012 में निमिषा और उनके पति वापस यमन चले गए। यमन की राजधानी सना में उन्होंने नर्स के रूप में दोबारा काम शुरू किया। कुछ समय बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया।
2014 में आर्थिक तंगी के कारण उनके पति अपनी बेटी को लेकर भारत लौट गए। इसी दौरान यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया और वीजा मिलने की प्रक्रिया बंद हो गई, जिससे उनके पति दोबारा यमन नहीं आ सके।
निमिषा प्रिया यमन में अपना क्लीनिक खोलना चाहती थीं, लेकिन वहां के नियमों के अनुसार किसी विदेशी को व्यवसाय शुरू करने के लिए एक स्थानीय नागरिक के साथ साझेदारी करनी होती है। इस कारण 2014 में उन्होंने यमन के नागरिक तलाल अब्दो माहदी के साथ साझेदारी की और 2015 में क्लीनिक खोला।
कुछ समय बाद निमिषा एक महीने के लिए केरल आईं, इस दौरान माहदी भी उनके साथ भारत आया। इसी दौरान माहदी ने निमिषा की शादी की तस्वीरें चुरा लीं और उनमें छेड़छाड़ कर खुद को उनका पति साबित करने की कोशिश की। उसने क्लीनिक के दस्तावेजों में भी हेरफेर कर लिया और निमिषा की मासिक आय से पैसे लेने लगा।
माहदी धीरे-धीरे निमिषा के प्रति हिंसक होने लगा। निमिषा ने आरोप लगाया कि वह उन्हें प्रताड़ित करता था, धमकाता था और उनके परिवार को परेशान करता था। उसने उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया ताकि वे यमन छोड़कर न जा सकें। यहां तक कि निमिषा के गहने और क्लीनिक से प्राप्त सभी पैसे भी उसने ले लिए। जब उन्होंने सना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने माहदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा निमिषा को ही गिरफ्तार कर लिया और उन्हें छह दिनों तक जेल में रखा।
हत्या और गिरफ्तारी: जब निमिषा जेल से छूटीं, तो एक जेल वार्डन ने उन्हें सुझाव दिया कि वे माहदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर अपना पासपोर्ट वापस लें और यमन से भाग जाएं। उन्होंने यही करने की कोशिश की, लेकिन माहदी नशे का आदी था, इसलिए उस पर दवा का असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने उसे अधिक मात्रा में दवा दे दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। जब निमिषा यमन से भागने की कोशिश कर रही थीं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।