मुख्तार अंसारी की लव स्टोरी: 75 हजार का इनाम, दर्जन भर मुकदमे, लंबे समय से फरार… कहां है मुख्तार की पत्नी अफशां? क्रिकेट के मैदान में हुआ था प्यार..फिर क्राइम…

Mukhtar's wife Afshan Ansari: मुख्तार की मौत के बाद एक सवाल सबके जेहन में है, सबसे बड़ा सवाल यही कि माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी सामने क्यों नहीं आ रही है। दरअसल सालों से मोस्ट वांटेड मुख्तार की पत्नी आफशां भी फरार चल रही है। पति के जेल जाने के बाद आफशां ही मुख्तार के काले सम्राज्य की मालकिन बन बैठी है। ऐसे में जब मुख्तार का अंतिम संस्कार होगा, तो क्या लंबे समय से फरार चल रही उसकी पत्नी अफशां अंसारी सामने आएगी? मुख्तार की पत्नी अफशां पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा है। लंबे समय से पुलिस अफशां की तलाश में जुटी हुई है। उसपर करीब दर्जन भर मुकदमे दर्ज हैं। गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा चुकी है।

मुख्तार की पत्नी के द्वारा कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत नहीं कराए जाने और लगातार नोटिस के बाद भी फरार रहने के कारण आज मऊ पुलिस ने अफशां अंसारी के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया. जबकि, गाजीपुर में अफशां पर गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में दर्ज मुकदमे में पहले ही 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था. बाद में गाजीपुर पुलिस ने ये इनाम बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया. इस तरह से मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी पर गाजीपुर जिले से 50 हजार का इनाम और मऊ पुलिस की तरफ से 25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ है।

गाजीपुर, मऊ से लेकर लखनऊ तक फर्जी तरीके से भूमि पर कब्जा करने, रसूख के दम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर आर्थिक लाभ लेने जैसे कई केस अफशां अंसारी पर दर्ज हैं. जबरन रजिस्ट्री का केस भी अफशां के खिलाफ दर्ज है। कहा जाता है कि 2005 में मुख्तार अंसारी जब जेल गया तो अंसारी गैंग की कमान अफशां अंसारी ही संभालती थी. शादी से पहले अफशां पर कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं था. लेकिन अब गैंगस्टर एक्ट, रंगदारी सहित अलग-अलग दर्जन भर दर्ज हो गए हैं।

आफशां गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के दर्जी मोहल्ला की रहने वाली है. कुछ साल पहले मऊ के दक्षिण टोला के रैनि गांव के पास विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म बनाकर जमीन ली गई और उस पर एक गोदाम का निर्माण कराया गया. उस गोदाम को फर्म के द्वारा एफसीआई को किराए पर दिया गया था. यह फर्म पांच लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी, उसके दोनों साले अनवर सहजाद और आतिफ रजा साथ ही रविन्द्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन उर्फ विक्की शामिल थे।

राजस्व विभाग की जांच में पाया गया कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने अनुसूचित जाति के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीन को गलत तरीके से अपने नाम करा लिया गया. इसके अलावा कुछ और लोगों की जमीन भी गलत तरीके से ले ली. उस समय के तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में पाया गया कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने फर्जी ढंग से अनुसूचित जाति के लोगों को दी गई पट्टे की जमीन को फर्म के नाम कराया गया है।

जून 2021 में खाली कराई गई जमीन
तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर साल 2020 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों समेत 5 लोगों के खिलाफ अवैध और फर्जी तरीके से जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ. जिसमें लोक संपत्ति क्षति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इसी मुकदमे के बाद जून 2021 में प्रशासनिक अधिकारियों और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस फर्म के गोदाम के पीछे स्थित बाउंड्रीवाल को गिराकर कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराया गया।

1989 में हुआ निकाह
अफशां असारी ने क्रिकेट के मैदान में मुख्तार को देखकर उससे नजदीकी बढ़ाने का निर्णय लिया। वह मुख्तार अंसारी का क्रिकेट देखने रोज स्टेडियम आने लगी। किसी न किसी बहाने अफशां और मुख्तार की बातचीत होने लगी। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हो गई। दोनों ने बाद में इस दोस्ती को रिश्ते में बदलने का मन गनाया। दोनों परिवारों को रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं था। वर्ष 1989 में मुख्तार और अफशां ने निकाह कर ली।

अपराध में भी हमसफर
अफशां से शादी के बाद मुख्तार का मन क्रिकेट में नहीं रमा। उसने जुर्म का रास्ता अख्तियार कर लिया। नाम और पावर के चक्कर में जुर्म के दलदल में यह अच्छे परिवार का लड़का फंसता चला गया। हर जुर्म में उसकी पत्नी अफशां भी हमसफर रही। अपराध के बाद सजा से बचने के लिए मुख्तार ने राजनीति का रुख किया। अफशां शादी के बाद घर संभाल रही थी। शादी के तीन साल बाद वर्ष 1992 मुख्तार और अफशां के पहले बेटे अब्बास अंसारी का जन्म हुआ। वर्ष 1998 में दूसरा बेटा उमर अंसारी पैदा हुआ। जेल जाने के बाद मुख्तार और अफशां के वहां पर अवैध तरीके से रहने के आरोप लगे। 2005 में स्थायी तौर पर जेल जाने के बाद मुख्तार के काले साम्राज्य को अफशां ने टेकओवर कर लिया। बच्चों के बड़े होने के बाद मुख्तार के गैंग आईएस- 191 की कमान उसने अपने हाथों में ले ली। अफशां पर 11 केस दर्ज हैं। मुख्तार की रिवॉल्वर वाइफ के रूप में भी वह जानी जाती है। अभी फरार चल रही है। यूपी पुलिस ने उस पर 75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

HPBL Desk
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