9 साल के बेटे की गवाही पर मां को फांसी, उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा, जानें पूरा मामला

शाहजहांपुर: कहते है भगवान के घर देर है अंधेर नही। ऐसा ही एक मामला यूपी के शाहजहांपुर जिले के बंडा ब्लाक का है। जहां बसंतापुर गांव के मूल निवासी NRI सुखजीत सिंह की हत्या मामले में कोर्ट ने सात साल बाद फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एनआरआई की पत्नी रमनकौर को फांसी की सजा सुनाई है। हत्या में शामिल सुखजीत के दोस्त गुरुप्रीत सिंह मिटठू को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।

ये है पूरा मामला

सुखजीत सिंह अपनी पत्नी रमनकौर, दो बेटों के साथ इंग्लैंड के डर्बी सिटी में रहता था। 2016 में वह अपने बसंतापुर आया था। इस दौरान सुखजीत सिंह की उसकी पत्नी रमनकौर ने अपने प्रेमी गुरुप्रीत सिंह के साथ मिलकर 31 अगस्त 2016 की रात में खाने में नशा देकर सुखजीत सिंह को बेहोश कर दिया।

फिर जब वह बेसुध होकर सो रहा था, तब रमनकौर और गुरुप्रीत सिंह मिटठू ने मिलकर सिर पर हथौड़ी मार कर और चाकू से गला रेत कर सुखजीत को मार डाला था। हत्या करने के बाद गुरुप्रीत सिंह दिल्ली गया। वहां वह अपने नौकरी स्थल दुबई जाने वाला था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुप्रीत सिंह मिटठू को दबोच लिया था। पुलिस ने सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में उसी वक्त पत्नी रमनकौर और दोस्त गुरुप्रीत को गिरफ्तार कर लिया था । गुरुप्रीत सिंह सुखजीत सिंह का दोस्त था । उसका सुखजीत के घर आना था। गुरुप्रीत दुबई में नौकरी करता था, वह रहने वाले पंजाब के जालधर के गांव का था। आने जाने के दौरान सुखजीत सिंह की पत्नी रमनकौर का गुरुप्रीत सिंह मिटठू से प्रेम प्रसंग हो गया। दोनों विवाह करना चाहते थे, लेकिन सुखजीत सिंह उसमें रोड़ा था।

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जब अगस्त 2016 में जब सुखजीत सिंह पत्नी रमनकौर और दो बेटों के साथ अपने गांव बसंतापुर आया था, तब उसके सास ससुर भी यहां आए थे। कुछ दिनों के बाद सास ससुर वापस इंग्लैंड चले गए। इसके बाद दुबई से छुट्टी बिताने के लिए गुरुप्रीत सिंह मिटठू भी सुखजीत सिंह पास बसंतापुर आ गया। यहां वह काफी दिन तक रहा। इसी दौरान मनकौर और मिटठू ने मिलकर सुखजीत सिंह की हत्या की रणनीति बनाई, जिसे 31 अगस्त की रात में अंजाम दिया।

बेटे के बयान पर हुई मां को हुई फांसी की सजा

31 अगस्त 2016 की रात में सुखजीत सिंह की हत्या होते हुए उसक बट अर्जुन सिंह ने देखा था। उस वक्त उसकी उम्र नौ-दस साल की थी। जब मिटठू ने बेसुध सो रहे सुखजीत सिंह के सिर पर हथौड़ी मारी तो आवाज होने पर पड़ोस के कमरे में सो रहे बेटे अर्जुन की आंख खुल गई। वह चुपचाप देखता रहा। उसी ने बताया था कि मां रमनकौर ने पापा सुखजीत सिंह के चेहरे को तकिया से दबाया, इसके बाद मिटठू अंकल ने हथौड़ी से वार किए। फिर उन्होंने चाकू से गला काट दिया।

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