रांची। करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से विधायक अनूप सिंह बाहर निकले। कैशकांड से जुड़े मामले में पूछताछ में अनूप सिंह पर ईडी के अफसरों ने सवालों की झड़ी लगा दी। अनूप सिंह ने पूछताछ के बाद बताया कि ईडी ने जो सवाल पूछा था उसका उन्होंने जवाब दे दिया है। अनूप ने 21जुलाई 2021 को कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। ईडी ने उस दौरान के घटनाक्रम की जानकारी भी अनूप सिंह से मांगी। ईडी को सहयोग करने के लिए वो तैयार हैं। ‘ईडी को मैंने पूरी जानकारी दी है, मैने भी जो बातें 164 के बयान में कोलकाता में दर्ज कराई थी, वो जानकारी ईडी को भी दी है. काफी खुशनुमा माहौल में ईडी ने पूछताछ की. मुझसे बतौर शिकायतकर्ता सारी जानकारी ईडी ने ली है, आगे संभव है की मामले में आरोपियों को ईडी बुलाए।

रात करीब 9.30 बजे से ईडी दफ्तर से बाहर निकले। अनूप सिंह ने कहा कि ईडी के वो आभारी हैं कि सरकार गिराने की साजिश की जांच ईडी कर रही है। ईडी ने विधायक अनूप सिंह से डिजिटल साक्ष्य की मांग की है। ईडी ने विधायक से पूछा कि आरोपों को लेकर कोई साक्ष्य है, तो वो उपलब्ध करायें। ईडी ने उनसे पूछा किन किन तारीखों को किन माध्यमों से उनसे विधायकों या किसी अन्य व्यक्ति ने संपर्क किया था। ईडी ने विधायक अनूप सिंह की पूरी संपत्ति, पारिवारिक सदस्य, आश्रितों, नजदीकी रिश्तेदारों की संपत्ति, बैंक खातों की जानकारी, कारोबार की जानकारी भी मांगी है।

रांची के अरगोड़ा थाने में 31 जुलाई को दर्ज जीरो एफआईआर के संबंध में भी विधायक से जानकारी मांगी गयी है। ईडी ने अनूप सिंह से सरकार गिराने की साजिश में शामिल लोगों की जानकारी मांगी। 10 करोड़ देने और मंत्री पद का ऑफर किस विधायक ने दिया था यह जानकारी भी मांगी गयी है। ईडी ने ये भी पूछा कि 30 जुलाई को विधायक नमन विक्सल कोंगडी, राजेश कच्छप और इरफान अंसारी के पकड़े जाने के बाद उन्होंने एफआईआर क्यों कराया? क्या इसे लेकर पार्टी के नेताओं से उनकी कोई बातचीत हुई थी।

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