रांची। बच्चो का निवाला गटकने वाले पर कानूनी शिकंजा जकड़ता जा रहा है। झारखंड सरकार के मिड डे मील के खाते से 100 करोड़ रुपए की फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी ने ईडी की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है. आपको बता दे की मिड डे मिल घोटाला की जांच ईडी कर रही है। ईडी लगातार आरोपी संजय तिवारी पर दवाब बढ़ा रही थी। जिसके बाद आरोपी की आखिरकार सरेंडर करना पड़ा। सरेंडर के बड़ा अब कई राज खुलने के आसार है। संजय तिवारी की गिरफ्तारी प्रशासनिक महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है।

संजय कुमार तिवारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोर्ट में 25 मार्च को सरेंडर करना था, लेकिन उसने आत्मसमर्पण से बचने के लिए कोविड-19 की गलत जानकारी ईडी कोर्ट को दी. इसके बाद से वह फरार हो गया था. उसकी फरारी के बाद ईडी ने संजय की गिरफ्तारी के लिए ईडी कोर्ट से वारंट हासिल किया था. ईडी की टीम ने संजय की गिरफ्तारी के लिए उसके रांची के अरगोड़ा स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी साथ ही उसके ठिकाने पर लगातार नजर रख रही थी। अंत में कोई चारा न देख आरोपी संजय तिवारी को मजबूरन न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।

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