Maha Kumbh ने रचा इतिहास : 65 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगायी संगम में डुबकी, बने 4 विश्व रिकॉर्ड, चेहरे जो हुए वायरल


Maha Kumbh:
144 सालों बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित हुआ महाकुंभ 2025। इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 1 साल से ज्यादा समय से तैयारियां चल रही थी। प्रयागराज शहर को साफ-सुथरा बनाना, सड़कों का निर्माण, स्नान घाटों का निर्माण, रोशनी की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, श्रद्धालुओं के रहने के लिए टेंट सिटी बनाना, सुरक्षा के इंतजाम और न जाने क्या-क्या!

13 जनवरी 2025 से आखिरकार महाकुंभ मेले का आगाज हुआ, जो अगले 45 दिनों तक चला। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ मेले का आखिरी शाही स्नान था और उसी दिन इस मेले का समापन भी हुआ। महाकुंभ मेला 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। न सिर्फ आंकड़ों के नजरिए से बल्कि महाकुंभ 2025 हाईटेक और एआई की सुविधा से भी लैस रहा।

Maha Kumbh ने रचा इतिहास

इसके साथ-साथ महाकुंभ मेले में एक या दो नहीं बल्कि 4 विश्व रिकॉर्ड बने और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। महाकुंभ 2025 विश्व का सबसे विशाल धार्मिक आयोजन रहा।

Maha Kumbh:महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का बना रिकॉर्ड

सबसे पहले बात करते हुए महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर। दैनिक जागरण की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 में आयोजित कुंभ मेले में लगभग 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगायी थी। इस साल यानी 2025 में आयोजित हुए महाकुंभ मेले को लेकर संभावना जतायी जा रही थी कि 40 करोड़ के आसपास श्रद्धालु आएंगे।

लेकिन 45 दिनों तक चले महाकुंभ मेले में देश-विदेश के आम से लेकर खास तक इतने श्रद्धालु आएं कि श्रद्धालुओं की कुल संख्या ने विश्व के कई देशों की कुल आबादी को भी पीछे छोड़ दिया। कहा जा रहा है कि भारत और चीन को छोड़कर दुनिया भर के तमाम देशों में रहने वाले कुल लोगों की संख्या से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ मेला 2025 में आस्था की डुबकी लगायी है।

Maha Kumbh:बताया जाता है कि इस साल महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 65-66 करोड़ रही। अमेरिका की आबादी 34 करोड़ है, यानी महाकुंभ में अमेरिका की आबादी से दोगुने लोग पहुंचे थे। उसी तरह से पाकिस्तान की आबादी से ढाई गुना ज्यादा, रूस की आबादी से चार गुना और जापान की आबादी से 5 गुना से भी ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायी है।

महाकुंभ के दौरान 6 शाही (अमृत) स्नान हुए, जिसमें से सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगायी। बताया जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन करीब 7.6 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी थी। हालांकि मौनी अमावस्या के शाही स्नान के समय महाकुंभ मेला परिसर में मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं ने अपनी जान भी गंवा दी थी।

Maha Kumbh:कई चेहरे हुए मशहूर

महाकुंभ मेले में आने वाले कई चेहरे भी इस बार बड़े फेमस हुए, जिनके बारे में आगे बता रहे हैं –

1. मोनालिसा – मेले में माला बेचने आयी थी, लेकिन सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि मेला छोड़कर भागना पड़ गया। बाद में फिल्मों का ऑफर भी मिला और अब बॉलीवुड में दस्तक देने की तैयारी कर रही है।

2. हर्षा रिछारिया – साध्वी के वेष में, बालों में जटाओं का एक्सटेंशन लगाकर फैशन मॉडल हर्षा रिछारिया महाकुंभ में पहुंची। निरंजनी अखाड़े के संतों संग शाही स्नान भी किया लेकिन बाद में विवाद शुरू हुआ तो महाकुंभ छोड़कर चली गयी। हालांकि बाद में उन्होंने मीडिया को दिये एक बयान में कहा कि मैं साध्वी नहीं हूं।

3. IIT बाबा – IIT बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए अभय सिंह, जो IIT मुंबई के पूर्व छात्र रह चुके हैं। उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर अध्यात्म का मार्ग पकड़ा। भारत-पाक मैच की भविष्यवाणी कर ट्रोल्स के निशाने पर भी आएं।

4. ममता कुलकर्णी – पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े के साथ महाकुंभ में पहुंची, जहां उन्हें बाकायदा महामंडलेश्वर बनाया गया। हालांकि बाद में इसपर विवाद भी पैदा हो गया।

5. पागल बाबा – प्रयागराज सेक्टर 19-20 में आने वाले श्रद्धालुओं पर इन्होंने हमला किया। पुलिस, विदेशी महिला श्रद्धालु, पत्रकार आदि कोई भी इनके हाथ से नहीं बच सका। कई लोगों को तो इन्होंने इतना मारा कि खून तक बहने लगा।

6. चिमटा बाबा – सालों से अपना एक हाथ ऊपर उठाए हुए हठ योगी हैं। इनसे मिलने पहुंचे यूट्यूबरों पर इन्होंने अपना चिमटा खूब बरसाया।

Maha Kumbh:बने 4 विश्व रिकॉर्ड

1. 14 फरवरी को 300 से ज्यादा स्वच्छता कर्मियों ने नदी में सफाई अभियान चलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

2. 24 फरवरी को 15 हजार स्वच्छता कर्मचारियों ने महाकुंभ मेला परिसर में 10 किमी के क्षेत्र (4 ज़ोन) में सफाई अभियान चलाया और बन गया विश्व रिकॉर्ड।

3. 25 फरवरी को प्रयागराज के सेक्टर 1 में गंगा पंडाल में विश्व का सबसे बड़ा हैंड प्रिंट बनाया गया। इसे 10 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना हैंड प्रिंट देकर बनाया था। यह हैंड प्रिंट 80 फीट लंबा और 5 फीट चौड़ा था।

4. महाकुंभ मेले में 1000 इलेक्ट्रिक रिक्शा की परेड निकाली गयी, जो पर्यावरण मित्रता का संदेश देती है।

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