कम सोना हार्ट अटैक का खतरा कई गुणा बढ़ा देता है, जानिये कितने घंटे की नींद है बहुत जरूरी, जानिये नींद और हार्ट का कनेक्शन

Heart Attack: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक व्यस्क को औसतन 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी होता है। लेकिन आज की दौड़ती भागती जिंदगी में लोग सोना ही भूल जाते हैं। कम नींद लेने और अनियमित नींद लेने के कारण लोगों को स्वास्थ्य की अनेक समस्याएं उत्पन्न होने लगी हैं। अनियमित नींद के कारण होने वाली स्वास्थ्य की एक बड़ी समस्या कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है।

नींद के कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जिनमें से एक है पूरे शरीर को सुकून देकर उसे रिकवर करना। नींद के दौरान हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर स्थिर हो जाते हैं क्योंकि सांस की गति स्थिर और नियमित हो जाती है, जिससे शरीर और हृदय को आराम मिलता है, और वो फिर से रिकवर हो जाते हैं। लेकिन यदि नींद अनियमित हो, तो हृदय और शरीर ठीक से रिकवर नहीं कर पाते और हाईपरटेंशन, कार्डियेक बीमारी, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 20 से 35 साल की उम्र के बीच के कुछ लोगों को शामिल किया और उनकी दिनचर्या को नोट किया. इन लोगों को 11 दिन के एक प्रयोग में शामिल किया गया. प्रयोग में शामिल लोगों को पहले 3 दिनों तक अधिकतम 10 घंटे तक की नींद लेने को कहा गया. इसके अगले 5 दिनों तक प्रत्येक रात 5 घंटे की नींद लेने को कहा गया. इसके बाद फिर से 10 घंटे की नींद लेने को कहा गया. शोधकर्ताओं ने इस दौरान प्रतिभागियों के हार्टरेट और ब्लड प्रेशर की जांच की. इसके साथ ही हार्ट की कई तरह से दिन में कई बार जांच भी की गई.

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है?

न्यूयॉर्क के एक कार्डियोवस्कुलर रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने इस स्टडी के दौरान कुछ हेल्दी वॉलेटिंयर्स के सैंपल लिए थे। ये लोग 6 हफ्ते के लिए रोजोना डेढ़ घंटे कम सोए। रिसर्च में खुलासा हुआ कि जो लोग लगातार कम सोए उसके स्टेम सेल में अंतर पाया गया। ऐसे लोगों के शरीर में व्हाइट ब्लड सेल बढ़ गयी, जिससे इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्दी हार्ट के लिए आपको 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

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35 साल के लोगों पर की गई स्टडी

रिसर्च में 35 साल के कुछ लोगों को पहले 6 हफ्ते 8 घंटे की नींद लेने के लिए कहा गया और फिर उनके ब्लड सैंपल लिए गए। इनके इम्यून सेल का डेटा निकाला गया। जिसके बाद 6 हफ्ते के लिए उनकी नींद को रोजाना 90 मिनट कम कर दिया गया और फिर ब्लड सैंपल लेकर इम्यून सेल का डेटा निकाला तो ऐसे लोगों में हेल्दी सेल कम हो गए थे।

कम सोना दिल के लिए क्यों है खतरनाक

इस स्टडी में पाया गया है कि कम सोने से इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है। जो लोग कम सोए उनके ब्लड में इम्यून सेल बढ़े हुए थे, जो इंफ्लेमेशन बढ़ाते हैं। हालांकि शरीर में इंफेक्शन, चोट या छोटी मोटी बीमारी से बचने के लिए थोड़ा होना जरूरी है। लेकिन बहुत ज्यादा होना हार्ट के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर शरीर में इंफ्लेमेशन लगातार बना रहे या ज्यादा हो तो ये कंडीशन दिल की बीमारियों या अल्जाइमर का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं कम सोने से स्टेम सेल जो हेल्दी इम्यून सेल प्रोड्यूस करती हैं उनमें भी चेंज आया।

वजन पर भी असर

अध्ययन में देखा गया कि प्रयोग के दिनों में जिन लोगों ने वॉक की तो उस समय उनका ब्लड प्रेशर लो हो जाता था. वहीं स्टडी में शामिल जिन लोगों का जिस दिन नींद के मामले में अच्छा बीतता था, उस दिन उसकी हार्ट की धड़कनें एक बीट एक बीट प्रति मिनट से ज्यादा हो जाता था. जबकि औसत बेसलाइन हार्ट रेट 69 बीपीएम (बीट पर मिनट) था. जब दूसरी बार नींद की रकवरी हुई तो हार्ट रेट 78 बीपीएम हो गई. वहीं ब्लड प्रेशर में भी मामूली वृद्धि देखी गई. वहीं बेहतर नींद लेने वालों में ब्लड प्रेशर कम हो गया. लेकिन जब व्यक्ति शुरुआत में कम नींद लेता था और बाद में ज्यादा नींद लेने लगा तो इनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता था. यानी बाद में पर्याप्त नींद जो ली गई वह पहले की नींद में कटौती की भरपाई नहीं कर पाई. शोधकर्ताओं ने बताया कि नींद एक बायलॉजिक प्रोसेस है लेकिन यह व्यवहारगत भी है. उन्होंने कहा कि नींद की कमी न सिर्फ हार्ट से संबंधित बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है बल्कि इससे वजन और मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होता है.

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