कोलंबो 11 मई 2022। श्रीलंका में हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। आगजानी, तोड़फोड़ से श्रीलंका की स्थिति आराजक हो गयी है। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री राजपक्षे के श्रीलंका छोड़कर भागने की भी खबर आयी,लेकिन बाद में उस खबर का खंडन कर दिया गया। इधर श्रीलंका में कर्फ्यू को 12 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन पर रोक और दंगाईयो को सीधे गोली मारनेका आदेश दिया गया है। सोमवार को सांसद समेत 5 लोगों की मौत के बाद हालात और खराब हो गये थे।

श्रीलंका में प्रधानमतंरी महिंद्रा राजपक्षे ने हिंसा फैलने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया था। खबरें ये आयी थी कि श्रीलंका से कुछ राजनीतिक और उनके परिवार के सदस्य भारत आये हैं, लेकिन बाद में उच्चायोग ने इसका खंडन किया। इंटरनेट पर ये वायरल किया गया था कि राजपक्षे इस्तीफा देने के बाद भारत भाग गये हैं।

इधर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शांति की अपील की है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वो हिंसा छोड़ दें और शांति बहाल करने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा है कि आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे।

यूं तो महिद्रा राजपक्षे ने श्रीलंका को कई बार संकट से उबारा, लेकिन इस बाद राजपक्षे और उनके परिवार के लोगों पर ही गंभीर आरोप लगे हैं। तमिलों के नरसंहार से लेकर देश को कर्ज में डुबोने तक के गंभीर आरोप राजपक्षे पर लगा है। 2004 में राजपक्षे श्रीलंका के 13वें प्रधानमंत्री बने थे। 2000 के बाद से श्रीलंक् पर ज्यादातर राज राजपक्षे का रहा। इसी दो दशक में श्रीलंका पूरी तरह से बर्बाद हो गया।  

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