रांची में श्रमिक संगठनों ने किया हड़ताल का एलान, देशभर में होगा असर

कोल इंडिया न्यूज । कोयला यूनियनों ने कोयला उद्योग में 5 से 7 अक्टूबर तक हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है. झारखंड की राजधानी रांची में पांच श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में यह फैसला किया गया. 14 सितंबर को रांची के सीसीएल दरभंगा हाउस में कोयला उद्योग में काम करने वाले सभी फेडरेशंस के प्रतिनिधियों की बैठक हुई.

इसमें कोल इंडिया के ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्यों की ओर से 11वें वेतन समझौते के खिलाफ की गई कार्रवाई की वजह से कोयला उद्योग में उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार करने के बाद हड़ताल करने का निर्णय लिया गया.

ये है विरोध की वजह

डीपीई ने वेतन समझौते का इस आधार पर विरोध किया था कि इस मसझौते के बाद ए-1 ग्रेड के कर्मचारियों का वेतन ई-2 रैंक के अफसरों से अधिक हो गया है. अधिकारियों ने 29 अगस्त को याचिका दायर में कहा कि यह कैबिनेट की ओर से पारित डीपीई की गाइडलाइन का उल्लंघन है. यह अधिकारियों के मौलिक अधिकार का हनन है. भारत सरकार की कैबिनेट ने पूर्व में तय किया था कि अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से कम नहीं होगा.

क्या कहता है श्रमिक संगठन

श्रमिक संगठनों ने कहा कि इसके बावजूद अगर प्रबंधन अफसरों के लिए वेतन एवं भत्तों में वृद्धि करता है, तो उसे श्रमिकों पर भी लागू करना होगा.

21, 22 सितंबर और 3 अक्टूबर को प्रदर्शन करेंगे श्रमिक

सभी फेडरेशंस ने कोयला मजदूरों का आह्वान किया कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी कंपनियों/क्षेत्रों और कोलियरियों में एकजुट होकर हड़ताल की तैयारी शुरू कर दें. इस सिलसिले में 21 एवं 22 सितंबर को इकाई स्तर पर और 3 अक्टूबर को एरिया के स्तर पर संयुक्त रूप से प्रदर्शन करें.

झारखंड: राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को सरकार ने किया बर्खास्त, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी का आरोप, पढ़ें पूरा मामला

ऑफिसर्स एसोसिएशन और श्रमिकों के बीच मतभेद

पांचों श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिकारियों की ओर से की गई कार्रवाई की निंदा की. श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि ऑफिसर्स एसोसिएशन की वजह से कोयला उद्योग में श्रमिकों और अधिकारियों के सौहार्दपूर्ण संबंध में खटास आ गई है. प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर 10 साल में भारत सरकार का कोल इंडिया प्रबंधन ने अधिकारियों के वेतन, सुविधाओं एवं भत्तों में किसी प्रकार की वृद्धि की, तो सभी श्रमिक संगठन इसका विरोध करेंगे.

Related Articles

close