जानते हैं कैसे टीवी स्क्रीन पर झटपट अपडेट हो जाता है क्रिकेट रन, विकेट और आंकड़े, कैसे मिलती है इसकी नौकरी, जानिये कितनी मिलती है सैलरी

Cricket Scorer Salary। क्रिकेट मैच के दौरान टीवी स्क्रीन पर हर गेंद के साथ रन, विकेट और आंकड़े महज कुछ सेकंड में अपडेट हो जाते हैं। यह काम पूरी तरह मैनुअल और तकनीकी समन्वय से होता है। जब भी टीवी पर कोई क्रिकेट मैच चलता है, दर्शकों की नजर सिर्फ मैदान पर ही नहीं होती, बल्कि स्क्रीन पर दिख रहे लाइव स्कोर, ओवर, रन रेट और रिकॉर्ड्स पर भी रहती है।

जैसे ही बल्लेबाज रन लेता है या गेंदबाज बॉल डालता है, उसी पल स्क्रीन पर आंकड़े बदल जाते हैं। यह सब इतनी तेजी से होता है कि आम दर्शक के मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर यह स्कोर अपडेट कौन करता है और कैसे?

मैनुअल होता है रन अपडेट का काम
चाहे बात आईपीएल, क्रिकेट वर्ल्ड कप या किसी भी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू सीरीज में स्कोर अपडेट करने की प्रक्रिया लगभग एक जैसी होती है। मैच की ब्रॉडकास्टिंग टीम में शामिल एक ग्राफिक्स प्रोफेशनल के अनुसार, रन और गेंद-दर-गेंद का पूरा अपडेट मैनुअली किया जाता है।

यह जिम्मेदारी जिस व्यक्ति के पास होती है, उसे स्कोरर (Scorer) कहा जाता है। स्कोरर के पास एक खास कंप्यूटर सिस्टम होता है, जो ब्रॉडकास्टिंग से जुड़े कई अन्य सिस्टम्स से कनेक्ट रहता है।

हर गेंद का पूरा ब्योरा दर्ज करता है स्कोरर
स्कोरर का काम सिर्फ रन गिनना नहीं होता, बल्कि हर गेंद का पूरा विवरण सिस्टम में फीड करना होता है। उदाहरण के तौर पर—
• ओवर कौन सा चल रहा है
• गेंद किस गेंदबाज ने फेंकी
• स्ट्राइक पर कौन सा बल्लेबाज था
• शॉट किस दिशा में खेला गया
• कितने रन बने या विकेट गिरा
यह सारी जानकारी स्कोरर एक तय सॉफ्टवेयर में दर्ज करता है। जैसे ही वह “एंटर” करता है, डेटा अपने आप कई सिस्टम्स में अपडेट हो जाता है।

ऑटोमैटिक अपडेट होते हैं सारे रिकॉर्ड
स्कोरर द्वारा डाले गए डेटा के आधार पर—
• टीम का कुल स्कोर
• विकेटों की संख्या
• बल्लेबाज और गेंदबाज के व्यक्तिगत आंकड़े
• चौका-छक्का, ओवर और रन रेट
• पारी, मैच और टूर्नामेंट से जुड़े रिकॉर्ड
सब कुछ ऑटोमैटिक अपडेट हो जाता है। यह संभव होता है क्योंकि सभी सिस्टम एक खास तरह की कोडिंग और सॉफ्टवेयर नेटवर्क पर काम करते हैं, जिसका सेटअप इंजीनियर मैच से पहले ही तैयार कर लेते हैं।

ग्राफिक्स टीम का अहम रोल
स्कोरर के बाद काम आता है ग्राफिक ऑपरेटर्स और स्पेशल ग्राफिक्स टीम का। यह टीम दर्शकों को स्क्रीन पर दिखने वाले खास ग्राफिक्स तैयार करती है, जैसे—
• किसी खिलाड़ी का शतक या अर्धशतक
• पुराने रिकॉर्ड्स की तुलना
• उस मैदान के ऐतिहासिक आंकड़े
• टीम और खिलाड़ी की फॉर्म से जुड़ी जानकारी
यह काम भी बेहद तेज गति से होता है और कई बार कुछ सेकंड्स के अंदर ग्राफिक्स तैयार कर ऑन-एयर करना होता है।

कितनी मिलती है सैलरी?
अगर सैलरी की बात करें तो यह अनुभव और सीनियरिटी पर निर्भर करती है। ग्राफिक टीम में आमतौर पर सबसे जूनियर सदस्य को ही स्कोरर बनाया जाता है।
• शुरुआती स्तर पर स्कोरर की सैलरी 25 से 30 हजार रुपये प्रति माह से शुरू होती है।
• अनुभव बढ़ने और सीनियर बनने के साथ यह रकम बढ़ती जाती है।

हालांकि यह काम आसान नहीं होता। स्कोरर को हर गेंद पर बेहद ध्यान देना पड़ता है, क्योंकि एक छोटी सी गलती लाखों दर्शकों तक गलत जानकारी पहुंचा सकती है। साथ ही उसे यह भी पता होना चाहिए कि मैदान के किस हिस्से को क्या कहा जाता है।कुल मिलाकर, क्रिकेट मैच का लाइव स्कोर अपडेट होना मानवीय सतर्कता और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन तालमेल है। दर्शक भले ही इसे सामान्य मान लें, लेकिन इसके पीछे एक पूरी टीम और सेकंड-दर-सेकंड की मेहनत छिपी होती है, जो क्रिकेट को और भी रोमांचक बनाती है।

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