रांची। CRPF पर FIR मामले में राज्यपाल ने बहुत ही तल्ख बयान दिया है। उन्होंने कहा हैकि सरकार को झामुमो की गलती की वजह से सीएम हाउस के बाहर लोगों की भीड़ जुटी। उन्होंने करप्शन के मामले में भी हेमंत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सच में विकास करना है तो करप्शन को रोकना होगा। दूसरा कोई रास्ता नहीं है। इधर राज्यपाल के बयान पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्‌टाचार्य ने सवाल पूछा है, उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने 20 तारीख को राज्य सरकार की ओर से सीआरपीएफ पर की गई कार्रवाई को गलत बताया। राज्यपाल को बताना चाहिये कि, सरकार की गलती कहां है।

राज्यपाल ने कहा कि यह सरकार का फेल्योर है, सीआरपीएफ क्यों आई? सीएम हाउस के बाहर अनावश्यक भीड़ जुट गई थी। यह भीड़ ऑर्गेनाइज थी। इसलिए सीआरपीएफ को आना पड़ा। ये सरकार की गलती है। इस तरह का व्यवहार रोकना चाहिए। करप्शन समाज के लिए कैंसर की तरह है, जिसे हम सबको मिलकर रोकना होगा। अगर आप वास्तव में विकास करना चाहते हैं तो करप्शन को दूर करना होगा।

आपको बता दें कि गौरतलब है कि रांची जिला प्रशासन ने सीएम सोरेन के अधिकारिक आवास के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जहां उन्होंने 20 जनवरी को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक ईडी की पूछताछ का सामना किया था। उस दौरान किसी भी प्रदर्शन और सार्वजनिक बैठक की अनुमति नहीं दी गई थी। सत्तारूढ़ झामुमो ने रविवार को आरोप लगाया था कि जब ईडी द्वारा सोरेन से पूछताछ की जा रही थी तो लगभग 500 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों ने बिना किसी अनुमति के सीएम आवास में प्रवेश करने की कोशिश की थी। ईडी की पूछताछ के दौरान धारा 144 के उल्लंघन मामले में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी की ओर से तीन अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं।

एक FIR सीआरपीएफ के जवानों और उनके आइजी की गई है। बाकी दो FIR एक जेएमएम के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और दूसरी भीम आर्मी के पदाधिकारियों पर दर्ज की गई है।20 जनवरी को इन दोनों FIR में गैर जमानतीय धारा नहीं है। सीआरपीएफ के जवानों व उनके पदाधिकारियों पर दर्ज प्राथमिकी में यह जिक्र है कि सीआरपीएफ के जवान गैर कानूनी तरीके से सीएम आवास में प्रवेश करना चाह रहे थे।

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