रांची। रांची के DAV कपिलदेव स्कूल के प्रिसिपल की शर्मनाक करतूत सामने आयी है। प्रिंसिपल ने पहले महिला नर्स को ब्लड प्रेशर चेक करने के नाम पर चैंबर में बुलाया और फिर “KISS” मांगने लगा। मामला उजागर होने के बाद अब प्रिसिपल को DAV प्रबंधन ने सस्पेंड कर दिया है। डीएवी प्रबंधन की तरफ से इस संबंध में हाईलेवल जांच टीम भी बनायी है। प्रिंसिपल की इस गंदी बात का VIDEO और AUDIO सामने आया है। महिला नर्स दो साल से हरासमेंट का शिकार हो रही थी, जिसके बाद नर्स ने प्रिसिपल के खिलाफ FIR दर्ज करायी है। FIR ने महिला ने कहा है कि प्रिसिपल उसे अश्लील वीडियो WhatsApp पर भेजा करता था और चैंबर में बुलाकर अश्लील हरकत किया करता था।
मामला झारखंड की राजधानी रांची के कडरू के प्रतिष्ठित डीएवी कपिलदेव स्कूल का है। प्रिसिपल मनोज सिन्हा से इसम मले में अरगोड़ा थाना में 24 मई को FIR दर्ज की गयी थी। महिला नर्स ने आरोप लगाया है कि हर दिन BP चेक करने के नाम पर प्रिसिपल अपने चैंबर में बुलाता था और फिर नर्स के शरीर को टच करता था। महिला इन्ही हरकतों की वजह से जब भी प्रिसिपल के चैंबर में जाती थी, तो फोन आन करके जाती थी।
प्रिसिंपल स्कूल के बाद भी संबंध बनाने के लिए महिला नर्स पर दवाब बनाता था। महिला नर्स पर कई दफा प्रिसिपल ने न्यूज वीडियो काल के लिए भी दवाब बनाया, वहीं व्हाट्सएप पर अश्लील वीडियो भेजकर भी वो परेशान किया करता था। इसी बीच एक दिन वो नर्स के चैंबर में आया और फिर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा। जिसका वीडियो नर्स ने बना लिया था।
प्रिसिपल के खिलाफ इससे पहले भी इस तरह की शिकायत रही है, जिसके बाद एक महिला टीचर स्कूल छोड़कर जा चुकी है। मनोज सिन्हा 1992 में डीएवी के टीचर बने थे और 2018 में उन्हें डीएवी कपिलदेव कुडरू का प्राचार्य बनाया गया था।
व्हाट्सएप मैसेज और अश्लील कमेट
प्रिंसिपल ने बड़ी संख्या में महिला नर्सिंग स्टाफ को गंदे-गंदे मैसेज भेजे हैं। इस मैसेज में शारीरिक संबंध बनाने का दवाब के साथ-साथ संबंध ना बनाने पर धमकियां देने तक का आरोप है। इससे पहले मनोज सिन्हा जब रामगढ़ में पदस्थ थे, तो उस दौरान भी उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा था, जिसके बाद उनका तबादला किया गया था। प्रिसिपल की करतूत के खिलाफ आवाज उठाने वाले को प्रताड़ित किया जाता है। इससे पहले जब मनोज सिन्हा के खिलाफ एक टीचर ने आवाज उठायी थी, तो उन्हें स्कूल गेट पर ड्यूटी दे दी गयी थी।जब मनोज सिन्हा की डिमांड नहीं मानी जाती थी, तो वो सैलरी काट लिया करता था। कई बार इसे लेकर विद्यालय में नाराजगी भी उभरी थी, लेकिन कोई भी प्रिसिपल के खिलाफ खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।