गिरिडीह के देवरी थाना क्षेत्र के बरवाबाद में कुएं की सफाई के दौरान जहरीली गैस का रिसाव होने लगा. इससे चार मजदूर बेहोश हो गए. बेहोश हुए मजदूरों को किसी तरह से कुएं से निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने तीन मजदूरों को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक मजदूर बेहोश था. इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गयी.

बताया जा रहा है कि मंगलवार को सफाई के लिए अबोध विश्वकर्मा (27) और सागर विश्वकर्मा (25) कुएं में उतरे। कुएं में तीन फीट पानी था, इसलिए मिनी जेनरेटर भी पानी बाहर करने के लिए कुएं में उतार लिया गया। जेनरेटर चलने के कारण ही कुएं के अंदर ऑक्सीजन खत्म हो गई और अबोध व सागर बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद घरवालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। दोनों को बचाने के लिए महेश विश्वकर्मा (30) और सतीश उर्फ भिखारी विश्वकर्मा (25) कुएं में उतरे। कुछ देर में ही वे दोनों भी बेहोश हो गए। तबतक गांव के लोग जुट गए। सभी ने किसी तरह से चारों को कुएं से बाहर निकाला। बताया गया कि गांववाले सभी को लेकर मंडरो इलाज के लिए भागे। फिर वहां स्थिति नहीं संभली, तो सभी को जमुआ दुबे नर्सिंग होम लेकर आए, जहां डॉक्टर ने महेश विश्वकर्मा, अबोध विश्वकर्मा और सागर विश्वकर्मा को मृत घोषित कर दिया, जबकि सतीश की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका नर्सिंग होम में इलाज किया जा रहा है। अबोध और सागर रिश्ते में चाचा-भतीजा लगते हैं। सागर अपने बहन-बहनोई अंशु विश्वकर्मा और दिगंबर विश्वकर्मा के घर 19 जून को बिजली की वायरिंग करने के लिए आया था। दोनों बिहार के जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र के लालपुर गांव के रहनेवाले थे, जबकि मृतक महेश और गंभीर सतीश बरवाबाद गांव का ही रहनेवाला है। घटना के बाद घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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