रांची। गद्दार दोस्त ने ही वकील रविशंकर मिश्रा पर गोली चलवायी थी। रांची के चर्चिंत गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। 10 लाख के बदले 30 लाख लेने के मामले में पूरी वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक रविशंकर मिश्रा और विक्रम अग्रवाल के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। रवि शंकर मिश्रा ने विकम अग्रवाल को 10 लाख रुपये थे, जिसके एवज में उसे 30 लाख रुपये वापस करने थे। गोली लगने के बाद आरोपी विक्रम अग्रवाल ने ही रविशंकर मिश्रा को अस्पताल भी पहुंचाया था।

आरोप है कि विकम अग्रवाल ने रवि मिश्रा को 20 लाख रुपए लौटा भी दिए थे। फिर भी अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा 30 लाख रुपए मांग रहा था। खबर ये भी है कि विक्रम अग्रवाल ने कोलकाता साल्ट लेक स्थित 63 कट्टा जमीन को बंधक रखकर प्राईवेट कंपनी से 30 करोड़ रुपए लोन ले रहे थे। उसकी जानकारी अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा को हुई, तो वो 30 लाख की जगह 1 करोड़ मांगने लगे। जिसकी वजह से दोनों में अनबन बढ़ गयी।

जिसके बाद विक्रम अग्रवाल ने परिचित संजय अग्रवाल को अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा की सुपारी दे दी। संजय अग्रवाल ने कबाड़ी का व्यापार करने वाले अरविंद महतो से संपर्क किया और अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा की हत्या के लिए 5 लाख रुपए में सौदा तय कर लिया। इसे लेकर एडवांस में 55 हजार रुपए संजय अग्रवाल के माध्यम से अपराधियों को भेजा गया। बाकी पैसा काम पूरा होने के बाद देने की बात तय हुआ था।

घटना के दिन रात 09:30 बजे अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा को विकम अग्रवाल ने पैसे का हिसाब किताब कर लेने की बात को लेकर बुलाया। उसके आने की जानकारी अपराधियों को भी दी। इसके बाद जैसे ही अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा, विकम अग्रवाल के घर से निकले तो घात लगाए अपराधियों ने उनके ऊपर पीछे से फायरिंग की। पुलिस ने इस मामले में विक्रम अग्रवाल, संजय अग्रवाल और रामु कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

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