रांची ।झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर प्रमोद कुमार से ईडी की पूछताछ चल रही है. जेल से मिल रही धमकियों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के द्वारा जेलर प्रमोद कुमार को मंगलवार को तलब किया गया था. इसके बाद मंगलवार को तय समय पर जेलर एजेंसी के दफ्तर पहुचे. शराब घोटाले में रांची जेल में बंद योगेंद्र तिवारी के द्वारा ही जेल से खबर लिखने वालों को धमकी दी जा रही है. जेल से आखिर कैसे कोई धमकी दे रहा है, इसी की तफ्तीश ईडी कर रही है. 

तय समय 10:45 बजे पूछताछ के लिए पहुचे जेलर

एजेंसी ने जेलर को मंगलवार को दिन के 11 बजे रांची जोनल आफिस में पूछताछ के लिए उपस्थिति का समन दिया था. रांची जेल से 29 दिसंबर को योगेंद्र तिवारी ने रांची के एक अखबार के प्रधान संपादक को फोन किया था. इस फोन कॉल पर धमकी दिए जाने की शिकायत सदर थाने में की गई थी. जिसका अनुसंधान राज्य सीआईडी भी कर रहा है.

इस मामले में ही ईडी ने रांची जेलर को समन किया था. जेलर को जेल में योगेंद्र तिवारी के वार्ड की सीसीटीवी फूटेज व जेल के टेलीफोन बूथ के पास लगे सीसीटीवी फूटेज के साथ बुलाया गया है. वहीं जेल प्रशासन से बूथ में रिकार्ड हुए बातचीत की ऑडियो भी ईडी ने मांगी है. जेल प्रशासन से मिली सूचना के मुताबिक, जेल से हुई पूरी बातचीत का ट्रांसस्क्रीप्ट ईडी को उपलब्ध कराया जाएगा.

कौन है योगेंद्र तिवारी, क्या है आरोप

मालूम हो कि योगेंद्र तिवारी के खिलाफ ईडी के आरोप पत्र में कई सनसनीखेज खुलासे भी हुए हैं. ईडी ने कोर्ट में जो आरोप पत्र सौंपा है, उसमें बताया गया है कि योगेंद्र तिवारी ने अवैध तरीके से बालू, शराब और जमीन कारोबार से पैसे जुटाए, इन पैसों के जरिए साल 2021 में शराब के थोक कारोबार का ठेका 14 जिलों में हासिल किया. कारोबार के लिए उसने अपने कर्मचारियों और करीबियों के नाम पर कंपनियां खोली, लेकिन इन कंपनियों से आया लाभ और संचालन योगेंद्र तिवारी के द्वारा किया जाता था.

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