गिरिडीह। लोकसभा चुनाव और फिर उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनाव लो कर अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग शुरू हो गयी है। हालांकि कई अफसरों को ये नागवार भी लग रहा है। लेकिन, सरकार के फरमान के आगे उन्हें नयी जगह पर ज्वाइनिंग करनी पड़ रही है। इधर, गिरिडीह में अपने तबादले से नाराज एक DSP ने नौकरी ही छोड़ दी है। खबर है कि SDPO साजिद जफर ने इस्तीफा दे दिया है।

आज से लगभग एक महीना पहले ही एसडीपीओ साजिद जफर की नियुक्ति खोरीमहुआ में तैनाती हुई थी और फिर जब नया लिस्ट आया और उनका फिर से तबादला हो गया है. सरकार के इस फैसले से नाराज और हताश एसडीपीओ साजिद जफर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नाराजगी जाहिर करते हुए नौकरी से रिजाइन देने का निर्णय ले लिया है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि तबादले का अन्याय पूर्ण फैसला देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है।

एसडीपीओ ने कहा कि हमारा जो अधिकार है, वह मिलना चाहिए। मैं साढ़े पांच साल नॉन-फील्ड में काम कर रहा हूं। एक माह खोरीमहुआ में काम किया और मुझे हटा दिया गया। इसका मतलब क्या है ? कोई ये तो बताए कि आखिर मेरा क्या अपराध था? मैं राहुल गांधी से मेरा सवाल करना चाहता हूं कि जिस राज्य में आपकी सरकार है, वहां न्याय नहीं कर सकते तो देश में न्याय कैसे करेंगे?

एसडीपीओ साजिद जफर डेढ़ माह के पहले खोरीमहुआ एसडीपीओ के पद से हटाकर सीआईएसएफ बोकारो में पदस्थापित कर दिया गया। ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की और नौकरी से इस्तीफा देने की घोषणा की।आपको बता दें कि मंगलवार को भी राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों का तबादला किया था।

इस लिस्ट में खोरीमहुआ एसडीपीओ साजिद जफर भी शामिल थे। लेकिन, अपने तबादले से नाराज डीएसपी ने इस्तीफा दे दिया। एसडीओपी के इस्तीफे से विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है । एसडीपीओ ने इस्तीफे की सूचना अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए दी है। फेसबुक बुक पोस्ट में लिखा-तबादले का अन्यायपूर्ण फैसला देख कर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है। जीवन नौकरी से बड़ा है। न्याय की जीत होनी चाहिए, जय हिन्द। खबर वायरल होने के बाद डीएसपी का फेसबुक पोस्ट डिलीट हो गया है। हालांकि उनका पोस्ट तब तक सोशल मीडिया में वायरल हो चुका था।

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