रांची। हेडमास्टर के पद पर प्रमोशन के लिए स्नातक प्रशिक्षित पद पर पांच साल की सेवा पूरी करने की बाध्यता नहीं होगी। वैसे प्रारंभिक शिक्षक जिनकी सेवा 20 साल की पूरी हो चुकी है, वो सीधे प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति पा सकेंगे। इस संबंध में विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र जारी कर दिया है। शिक्षक संघ का दावा है कि नये संशोधन से अब राज्य के मीडिल स्कूलों के 97 प्रतिशत रिक्त पदों को भरा जा सकेगा।

संघ द्वारा काफी समय से यह मांग की जा रही थी कि 2012 की नियुक्ति नियमावली में संशोधन किया जाय। साथ ही 2016 से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों की वरीयता के अनुरूप उन्हें शीघ्र प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति दी जाए। जिस पर अब नया संशोध जारी किया गया है। माना जा रहा है कि अब जल्द ही स्नातक प्रशिक्षित के रिक्त लगभग 7000 पदों पर विषयवार शिक्षक मिल सकेंगे।

आपको बता दें कि प्राइमरी शिक्षकों की प्रोन्नति को लेकर पांच अक्टूबर को दिशा-निर्देश जारी किया गया था, लेकिन शर्तों पर शिक्षक संघों की आपत्तियां थी। कई मौके पर संघ की तरफ से इसे लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया था, लिहाजा अब नये संशोधन जारी किये गेय हैं। पर विभागीय प्रोन्नति समिति के निर्णय के आलोक में लिया है। साथ ही प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 से 2016 में नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक अपनी सेवा के 10 वर्षों के बाद ही प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति की अर्हता प्राप्त कर सकेंगे।

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