रांची। शराब घोटाला मामले में रांची जेल में बंद योगेंद्र तिवारी द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में ईडी सख्त रवैया अपना रही है। जेल में सुविधाएं पहुंचाने को लेकर ईडी ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर प्रमोद कुमार से मंगलवार को पूछताछ की. प्रमोद कुमार ने एजेंसी को योगेंद्र तिवारी द्वारा अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को किए गए कॉल की पूरी रिकार्डिंग सौंपी है. मालूम हो की योगेंद्र तिवारी ने 29 दिसंबर को आशुतोष चतुर्वेदी को फोन कर धमकी दी थी. इसके बाद एजेंसी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जेलर प्रमोद कुमार को समन भेजा था.

जेलर प्रमोद कुमार ने 2 जेल कर्मी पर जताई आशंका

मंगलवार को पूछताछ के दौरान जेलर प्रमोद कुमार ने ईडी के सामने अपना बयान दर्ज कराया. ईडी के हर सवाल का जेलर ने जवाब दिया. पूछताछ के दौरान जेलर प्रमोद कुमार ने ईडी को बताया है कि धमकी वाले मामले में जेल के कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार और जमादार अवधेश कुमार की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. प्रमोद कुमार ने ईडी को यह भी जानकारी दी है कि जेल प्रशासन ने योगेंद्र तिवारी को फोन कॉल नंबर उपलब्ध कराने के मामले में पवन कुमार और अवधेश कुमार को शोकॉज भी किया है.


अब इन जेलकर्मी अवधेश और पवन से होगी पूछताछ

जेल से मिली धमकी मामले में अब ईडी जेलकर्मी अवधेश और पवन से भी पूछताछ करेगी. जानकारी के अनुसार पूछताछ के लिए एजेंसी ने दोनों को समन भी जारी कर दिया है. ईडी की पूछताछ में यह बात भी सामने निकल कर आई है कि योगेंद्र तिवारी के द्वारा धमकी देने के लिए जेल के बूथ वाले फोन का इस्तेमाल किया गया था.

नियम के अनुसार जेल टेलीफोन बूथ से बातचीत के लिए कैदियों के परिजनों के एक से दो नंबरों को ही रिकॉर्ड के लिए रखा जाता है, लेकिन कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार और अवधेश कुमार ने मिलीभगत कर अखबार के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और संपादक विजय पाठक के नंबर भी दर्ज करा दिया था. उसी का फायदा उठाकर योगेंद्र तिवारी के द्वारा प्रधान संपादक को फोन कर धमकी दी गई.

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