रांची। जगरनाथ महतो पंचतत्व में विलीन हो गये। शुक्रवार की शाम राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। जगरनाथ महतो भले ही इस दुनिया से विदा हो गये हों, लेकिन उनकी यादें हमेशा अमिट बनी रहेगी। जगरनाथ महतो को अपनी जिंदगी में बहुत कुछ करना था, अपने क्षेत्र के लिए, समाज के लिए, राज्य के लिए, विभाग के लिए, जिसका वो जिसका वो बराबर जिक्र भी करते थे। उनकी कुछ ख्वाहिश ऐसी थी, जो उन्हें वक्त मिलता जरूर पूरा करते।

उन्हें इंटर पास करने की चाहत थी, लेकिन कोरोना ऐसा काल बना कि, वो अपने उस अरमान को पूरा नहीं कर पाये। ऐसी ही एक चाहत उनकी नेत्रदान की भी थी। पिछले साल सितंबर 2022 में जब Run For Vision कार्यक्रम में पहुंचे थे, तो उन्होंने नेत्रदान की ख्वाहिश जतायी थी। उन्होंने कहा था कि “वो चाहते हैं कि उनकी आंखों से कोई दुनिया देखे”, लेकिन नियति ने कुछ ऐसा तय कर रखा था कि उनकी ये चाहत भी पूरी नहीं हो सकी। कार्यक्रम में अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया था कि आज अगर वो यहां खड़े हैं तो किसी और की वजह से हैं। झारखंड में नेत्रदान और अंगदान को लेकर लोगों को औऱ जागरूक होने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में उन्होंने कहा था


…मुझे किसी ने लंग्स दान किया है इसलिए मैं आपके सामने खड़ा हूं। अगर लंग्स दान नहीं होता तो मैं आपके सामने नहीं होता। मैं चाहता हूं आप भी अंगदान के लिए आगे आयें मैंने भी नेत्रदान के लिए फॉर्म भरा है, मेरी आंख से किसी को रोशनी मिल जाए इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकता है।

जगरनाथ महतो की यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी कि उनकी आंखों से कोई दुनिया देखे। सब चाहते थे कि उनका यह सपना पूरा हो लेकिन उनका निधन चेन्नई में हुआ। निधन की जानकारी भी समय पर नहीं मिली। साथ ही अंगदान के लिए परिवार की सहमति की भी जरूरत होती है हालांकि उन्होंने आवश्यक प्रक्रिया भी पूरी की थी, दूरी और वक्त की कमी की वजह से उनका नेत्रदान का संपना पूरा नहीं हो सका।

आपको बता दें..झारखंड के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। जगरनाथ महतो की अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव के निकट स्थित दामोदर नदी के तट पर की गई। मुखाग्नि उनके पुत्र अखिलेश महतो ने दी। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई मंत्री, विधायक और सांसद समेत वरीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे थे। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए आम लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

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