रांची। ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर झारखंड सरकार ने नियम सरल बना दिये हैं। अब DL के लिए लोगों ने बार-बार दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। परिवहन सचिव ने इसे लेकर एक स्पष्ट आदेश जारी किया है। परिवहन सचिव के आदेश के बाद लाइसेंस के बाहन टेस्ट में पास होने पर ड्राइविंग लाइसेंस देने के समय डीटीओ कार्यालय में फिर से फोटोग्राफी व अन्य कार्यों के लिए बार-बार दफ्तर आने से आवेदकों को निजात मिल जायेगी। सभी डीटीओ को भेजे गये पत्र में कहा गयाहै कि लर्निंग लाइसेंस लेने के सयम आवेदक की ओर से दस्तावेज जमा किये जाते हैं। डीटीओ कार्यालय की ओर से फोटोग्राफी करायी जाती है।

ऐसे में वाहन टेस्ट में सफल होने वाले आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए फिर से फोटोग्राफी व अन्य कामों के लिए नहीं बुलाया जाये। आनर बुक और ड्राइविंग लाइसेंस के लंबित मामलों का निपटारा डाटा इनपुट के बाद हो। वहीं कोई भी स्मार्ट कार्ड बिना इंट्री किये डिस्पैच करने वाले कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। कंप्यूचर आपरेटर को उनके नाम के साथ यूजर आईडी तैयार करने को कहा गया है।

उनकी आईडी साफ्टवेयर में जेनरेट रिपोर्ट में दिखायी देंगी। कई परिवहन कार्यालय में जरूरत से ज्यादा डाटा इंट्री आपरेटर है। इसे लेकर परिवहन सचिव ने कहा है कि विभाग की ओर से निर्धारित संख्या के आधार पर ही डाटा इंट्री आपरेटर को पैसे का भुगतान किया जाये।

आदेश में कहा गया है कि डीएल टेस्टिंग, आफिसर कंप्यूटर जेनरेटेड शीट में ही आवेदक के पास, फेल या अबसेंट होने का उल्लेख करेंगे। साथ ही अपना नाम और पदनाम लिखेंगे।

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