बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के एक IPS की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही है। गंभीर शिकायत पर निलंबित हुए आईपीएस रजनेश सिंह को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से भी झटका लगा है। हाइकोर्ट ने राज्य शासन के तर्क को सुनने के बाद अपील को स्वीकार करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण जबलपुर द्वारा रजनेश सिंह की बहाली किए जाने के आदेश को निरस्त कर दिया है। बता दें की EOW रायपुर में पदस्थ IPS रजनेश सिंह के विरुद्ध मिली शिकायत पर 2019 में विभागीय जांच के बाद उन्हे निलंबित कर दिया गया था। IPS रजनेश सिंह साल 2014 से 2017 तक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में SP रहे।

निलम्बन को लेकर निलम्बित आईपीएस रजनेश सिंह ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण जबलपुर में याचिका दायर कर कहा की शासन ने अखिल भारतीय ( अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 की नियम 13 (1B)का उलंघन हुआ है। अधिकरण ने सुनवाई के बाद 2021 में राज्य शासन के आदेश को नियम का उलंघन माना और निलंबन जारी रखने के आदेश को निरस्त करते हुए रजनेश सिंह को दो माह के भीतर बहाल करने का आदेश पारित किया। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए शासन ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत किया। जिसमें शासकीय अधिवक्ता ने बताया की शासन ने राज्य समीक्षा समिति का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही नियमतः निलंबन जारी रखने का आदेश पारित किया था। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शासन की अपील को स्वीकार करते हुए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण द्वारा दिए गए आदेश को निरस्त कर दिया है।

आपको राज्य शासन ने फोन टेपिंग सहित अन्य अनियमितता के आरोप में उन्हें 2019 में निलंबित कर दिया था। IPS रजनेश सिंह साल 2014 से 2017 तक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में SP रहे। इस दौरान उन्होंने अपने अधिनस्थ अधिकारियों से दस्तावेजों में बैक डेट में रिकार्ड दुरुस्त कराया था। इसके साथ ही उन्होंने नियमों की अनदेखी कर आम नागरिकों का फोन टेपिंग कराया था और इसके माध्यम से जानकारी हासिल कर उसे बतौर साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके अलावा उन पर शासन को गुमराह करते हुए अपने पद और कर्तव्यों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन सभी आरोपों पर राज्य शासन ने विभागीय जांच के आदेश दिए और उन्हें 9 फरवरी 2019 को सस्पेंड कर दिया।

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