रांची स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों का तबादला वैसे तो जुलाई महीने में एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कई बार तबादला अपने आप में विवाद में घिर जाता है। लिहाजा 7 जुलाई 2022 को रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार की अध्यक्षता में बनी 5 सदस्य स्थापना समिति बड़ी संख्या में रांची जिला के स्वास्थ्य कर्मियों के तबादले पर मुहर लगाई थी। साथ ही कार्यालय आदेश को निर्गत किया जा चुका था।

सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार के द्वारा तबादला लिस्ट जारी होते ही तबादला विवादों में घिर गया। जिस कारण सिविल सर्जन ने अपने ही हस्ताक्षर से जारी तबादले का आदेश को वापस ले लिया। विवाद का मुद्दा कोई और नहीं रांची स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा लगाया गया है। जिस कारण तबादले लिस्ट को रद्द करना पड़ा।

विभाग के कर्मचारियों को इन बातों पर थी आपत्ति

रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं। रिटायरमेंट से चंद दिन पहले उनके द्वारा की गई बड़ी संख्या में तबादले को नैतिक रूप से सही माना नहीं जा रहा है। सदर अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ भी दबी जुबान से कह रहे हैं कि जिले के स्वास्थ्य कर्मियों के तबादले का काम वर्तमान सिविल सर्जन को अपने बाद आने वाले सिविल सर्जन पर छोड़ देना चाहिए।

तबादला लिस्ट में कर्मचारियों ने गिनाई खामियां

रांची के सिविल सर्जन द्वारा किए गए तबादले में कई खामियां हैं। जैसे सदर अस्पताल के स्टोर कीपर का काम देख रहे अरविंद पासवान नवंबर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं उनका तबादला तो नहीं किया गया लेकिन उनके रिटायर होते ही कौन उनका पद संभाल लेगा यह 4 महीना पहले ही तय कर दिया गया। ऐसे कई मामले प्रकाश में आते ही जिला के स्वास्थ्य कर्मियों ने नाराजगी जताई। कर्मचारियों के बीच आक्रोश बढ़ता देख सिविल सर्जन ने पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया।

सिविल सर्जन ने कहा विवाद ना हो इसलिए किया रद्द आदेश

जिला स्वास्थ्य की स्थापना कमेटी के सदस्य और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एके खेतान ने कहा कि कुछ तकनीकी खामियों के कारण तबादला रद्द किया गया है। वहीं सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने कहा प्रक्रिया में कोई गलती नहीं होने के बावजूद विवाद से बचने के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है।

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