रांची। सहायक अभियंता नियुक्ति की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने के खिलाफ दायर याचिका पर 14 जुलाई को हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले आज दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से अदालत को बताया गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति की प्रारंभिक परीक्षा में जेपीएससी की ओर से कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। अनारक्षित श्रेणी सभी के लिए होता है, इसलिए इस श्रेणी में सभी श्रेणियों के अभ्यर्थी आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिन्होंने निर्धारित अंकों से ज्यादा नंबर प्राप्त किए, उसे सूची में जगह दी गयी, इसे आरक्षण देना नहीं कहा जा सकता।

कोर्ट में शनिवार को अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और विजय कांत दुबे ने अदालत को बाजार बताया कि जेपीएससी ने पीटी परीक्षा में कोई भी आरक्षण नहीं दिया। इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर देना चाहिए। अधिवक्ता संजय पवार और प्रिंस कुमार सिंह ने भी अपना पक्ष रखा प्रार्थी की ओर से बताया गया कि सहायक अभियंता नियुक्ति मामले में 256 अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी में शामिल किया गया है। जेपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों का अलग से परिणाम जारी किया गया, ऐसा करना नियुक्ति नियमावली और विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन है। राज्य सरकार के पास प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए पीटी परीक्षा परिणाम को रद्द कर देना चाहिए।

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