रांची । झारखंड में अब सूद खाने वाले अफसर की खैर नहीं। झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट का पैसा किसी प्राइवेट व्यक्ति के अकाउंट में जमा नहीं होगा. यह पैसा किसी व्यक्ति के पर्सनल खाता में अब नहीं जमा रहेगा बल्कि प्रोजेक्ट्स के नाम से एक खाता खुलेगा, उसमें रखे पैसे से जो ब्याज आएगा वह उसी प्रोजेक्ट के काम में लगेगा.

क्या है मामला

अरुण कुमार दुबे द्वारा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को राज्य में 38 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण को लेकर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश हुए कहा कि जिस अभियंता ने सरकार के पैसे को अपने अकाउंट में रखा था और उसके सूद का पैसा खुद लिया, उसके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया जाय.

राज्य सरकार को अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 19 जून निर्धारित की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया कि आगे से कोई भी सरकार के प्रोजेक्ट का पैसा किसी पर्सनल व्यक्ति के अकाउंट में जमा नहीं होगा. संबंधित विभाग के द्वारा उस प्रोजेक्ट के नाम से एक अकाउंट बनेगा, उसी सरकारी खाते में वह पैसा रहेगा. हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि किसी व्यक्ति के पर्सनल खाते से कोई लेना देना नही रहेगा। प्रार्थी की तरफ से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की।

क्यों देना पड़ा हाई कोर्ट को आदेश

मालूम हो की पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि जिन्होंने राज्य सरकार का पैसा अपने अकाउंट में रखा और उसका सूद लिया उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि शेष बचे 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कब तक बनकर तैयार हो जाएगा. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि इन 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का काम कहां तक पहुंचा है, इसके निर्माण में देरी होने का कारण क्या है.

पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि वर्ष 2009 में राज्य में 38 प्राथमिक स्वास्थ्य एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनना था. इनमें से 28 बनकर तैयार हो गया है, इसे हैंडओवर भी कर दिया गया है. जबकि 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बनाने में देरी हो रहा है.

पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आधारभूत संरचना एवं उसके वर्किंग कंडीशन के बारे में भी पूछा था. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा था कि जो 38 प्राइमरी हेल्थ सेंटर एवं कम्युनिटी हेल्थ सेंटर बनना था, उसका क्या स्टेटस है.

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