दंतेवाड़ा। नक्सली कितने क्रूर होते हैं, इसका एक प्रमाण छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में मिला है। पहले तो जवानों की गाड़ी को बीच सड़क पर ब्लास्ट कर उड़ा दिया। और फिर ये फरमान जारी कर दिया कि अगर किसी जवान का शव गांव लाया, तो इसका अंजाम बुरा होगा। घटना से डरे सहमे परिजनों ने घर से दूर ही अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं कुछ परिजन को शव लेने भी नहीं गये।

दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सलियों ने बड़ा हमला करते हुए जवानों से भरी गाड़ी को IED ब्लास्ट से उड़ा दिया। इस हमले में 10 जवान शहीद हो गये, वहीं वाहन चालक की भी मौत हो गयी। शहादत के बाद जब पूरा प्रदेश सदमे में था, तो शहीद जवानों को लेकर परिजनों को नक्सलियों ने एक फरमान सुना दिया है। फरमान ये था कि, अगर कटेकल्याण ब्लॉक के मारजुम और बड़े गादम के 2 शहीदों के शव गांव लाया और अंतिम संस्कार किया, तो अच्छा नहीं होगा।

नक्सलियों की दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। डरे सहमे परिजन अपने बहादूर बच्चे का शव लेने तक नहीं गये। कल दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए IED ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हुए थे। इस नक्सली हमले में शहीद 10 DRG के जवानों में दंतेवाड़ा जिले से 8 जवान ने वीरगति को पायी है, जबकि एक जवान सुकमा और एक बीजापुर है।

दंतेवाड़ा के शहीद 8 जवानों में 2 जवान तो एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों साथ-साथ भर्ती हुए और दोनों की शहादत भी एक ही दिन हो गयी। राजू राम करटम और जगदीश कोवासी दोनों कुआंकोंडा के बड़ेगुडरा के रहने वाले हैं। ये दोनों जवान 10 मार्च 2022 को भर्ती हुए थे। नक्सलियों ने मारजूम के भीमापारा के रहने वाले नव आरक्षक दुलगो मंडावी और बड़े गादम के रहने वाले नव आरक्षक जोगा कवासी के परिजनों को ये हिदायत दी है।

2 जवानों के शव उनके गृह ग्राम ना लाने का फरमान माओवादियों की ओर से जारी होने के बाद परिजनों ने इसके बाद भी दिल पर पत्थर रखकर सहृदयता दिखाते हुए गांव की पूरी आबादी को सुरक्षित रखने के लिहाज से यह तय किया है कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन स्थित शांतिकुंज पुनर्वास परिसर में ही दोनों शहीद जवानों का अंतिम संस्कार कर दिया जाए ताकि गांव वालों पर कोई विपत्ति ना आए।

ये जवान हुए थे शहीद
नक्सली घटना में शहीद जवानों में 1.प्रधान आरक्षक क्रमांक 74 जोगा सोढी, 2. प्रधान आरक्षक क्रमॉक 965 मुन्ना राम कड़ती 3. प्रधान आरक्षक क्रमॉक 901 संतोष तामो, 4. नव आरक्षक क्रमॉक 542 दुल्गो मण्डावी, 5. नव आरक्षक क्रमांक 289 लखमू मरकाम, 6. नव आरक्षक कमॉक 580 जोगा कवासी, 7. नव आरक्षक क्रमांक 888 हरिराम मण्डावी, 8. गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, 9. गोपनीय सैनिक जयराम पोड़ियाम, 10. गोपनीय सैनिक जगदीश कवासी 11. धनीराम यादव (निजी वाहन चालक)।

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