रांची। IAS पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ेंगी या घटेगी? इस पर कोर्ट में कल सुनवाई होगी। आपको बता दें कि मनरेगा घोटाले की राशि की मनी लाउंड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी। मामले में ईडी की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया जा रहा है।

ईडी ने पूजा सिंघल के मामले में अब तक श्रीराम ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर एवं पल्स बिल्डिंग बनाने वाला ठेकेदार अक्षत कटियार की गवाही दर्ज कराई है। पूजा सिंघल 25 मई 2022 से जेल में हैं। गवाही के बाद पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। सुप्रीम कोर्ट में पूजाकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए एक दिसंबर की तारीख निर्धारित है।

तीन सप्ताह पहले ही पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज की गयी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में नियमित याचिका दायर कर रखी है। अदालत ने किसी तरह की राहत नहीं दी थी। निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने अदालत से कहा कि ईडी की ओर से अब तक जो भी जांच किए गए हैं उस जांच में उन्होंने पूरा सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि आगे जब भी जरूरत पड़ेगी वह सहयोग करेंगी। वह 11 मई 2022 से वह जेल में है। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। ऐसे में उन्हें जमानत मिलनी चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।

आपको बता दें कि मनरेगा घोटाले की सुनवाई रांची सिविल कोर्ट में ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में हो रही है। सिविल कोर्ट में ही, इस मामले में पहले भी दो लोग बतौर गवाह पेश हो चुके हैं। आरोप पत्र में कहा गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में उपायुक्त के पद पर रहते हुए पूजा सिंघल ने घोटाला किया है। उनके खाते में वेतन की राशि से 1.43 करोड़ अधिक हैं। ईडी की टीम ने इन तीनों जिलों में उनके उपायुक्त कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश के डिटेल हासिल की है।

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