IAS Naveen Tanwar: परीक्षा में चोरी करते पकड़ाये IAS अफसर को सस्पेंड कर दिया गया है। 2019 बैच के IAS नवीन तनवर को चोरी के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनायी है। मामला हिमाचल प्रदेश का है, जहां की कांग्रेस सरकार ने IAS अफसर नवीन तनवर को सस्पेंड कर दिया है। नवीन को दूसरे की जगह पेपर देते पकड़ा गया था। जिसमें उन्हें 3 साल कैद की सजा हुई थी।

आपको बता दें कि नवीन 2019 बैच के IAS अफसर हैं। अभी उनकी तैनाती चंबा के ADC के तौर पर थी। सस्पेंड किए जाने के बाद उन्हें शिमला सचिवालय स्थित हेडक्वार्टर में तैनात कर दिया गया है। उन्हें नवीन तनवर को कार्मिक विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है। दरअसल 13 दिसंबर 2014 को उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले नवीन तनवर गाजियाबाद के गोविंदपुरम स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में क्लर्क भर्ती परीक्षा देने पहुंचे थे यह परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (IBPS) क्लर्क भर्ती के लिए थी।

CBI ने तब नवीन को अमित सिंह की जगह पर पेपर देते हुए गिरफ्तार कर लिया था।बीते माह नवीन सहित छह अन्य को सीबीआई कोर्ट ने 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद CBI कोर्ट ने नवीन तनवर की अर्जी पर उन्हें जेल भेजने में फिलहाल राहत दी है।इसके बाद सीबीआई ने राज्य सरकार को पत्राचार किया।

सीबीआई का पत्र मिलने के बाद सरकार ने नवीन को सस्पेंड किया है। नवीन दूसरों की जगह पेपर देते हुए साल 2014 में पकड़ा गया, जबकि 2019 में वह IAS चयनित हो गया। जिस वक्त नवीन गिरफ्तार हुए, वह खुद पेपर की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद उनका UPSC में सिलेक्शन हो गया।

सीबीआई कोर्ट की तरफ से दूसरे की जगह परीक्षा देने के मामले में दोषी पाने पर निलंबन संबंधी फाइल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास अनुमति को भेजी गई थी, जिस पर हस्ताक्षर करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। इससे पहले विधि विभाग से इस मामले में सलाह ली गई थी। इसमें विधि विभाग की तरफ से यह स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे तक जेल में रहता है तो ऐसे में स्वत: ही उनको निलंबित समझा जाना चाहिए। इससे पहले नवीन तंवर की तरफ से गत 24 मार्च को 2 सप्ताह के अवकाश के लिए मेल की गई थी। प्रदेश सरकार ने इससे पहले उनको 7 दिन का अवकाश दिया गया था।

ये है मामला
आईएएस नवीन तंवर पर सीबीआई कोर्ट से आरोप सिद्ध हो चुका है। इसके तहत वर्ष 2014 में लिपिक परीक्षा में वह किसी दूसरे के स्थान पर बैठे थे। परीक्षा देने के मामले में नवीन तंवर सहित 6 अन्य को दोषी करार दिया गया है। उनको 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के अलावा और 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया था। प्रदेश सरकार ने इस संदर्भ में गत 18 मार्च को सीबीआई से भी जानकारी मांगी थी। उल्लेखनीय है कि 9 वर्ष पहले वर्ष 2014 में नवीन तंवर ने लिपिक परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दी थी। उसके बाद वर्ष 2019 में नवीन तंवर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए चयनित हुए थे। किसी दूसरे की लिपिक परीक्षा देने के मामले में करीब 1 वर्ष से ट्रायल चलता रहा तथा बाद में उनको दोषी करार दिया गया।

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