देहरादून । खजाने में भ्रष्टाचार की बेशुमार दौलत बटोरने वाले IAS अफसर को उत्तराखंड सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार कर लियाहै। IAS राम विलास यादव के पास से आय से 540 गुणा ज्यादा संपत्ति मिली थी। सतर्कता टीम ने देहरादून से उनकी गिरफ्तारी की है, इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने IAS अफसर राम विलास यादव को सस्पेंड किया था।

गिरफ्तारी से बचने रामविलास यादव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। IAS अफसर के खिलाफ एक्टिविस्ट हेमंत मिश्रा ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत की थी। इस मामले में पीएमओ और यूपी सरकार को भी शिकायत की गयी थी। इस मामले में यूपी सरकार ने 2018 में सतर्कता विभाग को रामविलास यादव के विरूद्ध जांच के आदेश दिये थे। जांच के बाद सतर्कता विभाग ने खोजबीन कर दस्तावेज और तथ्य जुटाये थे।

रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने भी IAS रामविलास यादव पर अभियोजन की इजाजत दी थी। इसके बाद सतर्कता विभाग ने आईएएस पर शिकंजा कसना शुरू किया। आईएएस के नाम करोड़ों का बंगला, सरकारी जमीन पर स्कूल, पत्नी के नाम पर गाजीपुर में लाखों की जमीन, देहरादून, लखनऊ और गाजियाबाद में करोड़ी की जमीन और फ्लैट मिले थे। इसके बाद आईएएस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

1992 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे रामविलास 2016 तक यूपी में रहे। वो लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव के पद पर भी रहे। बाद में उन्हें आईएएस प्रमोट भी किया गया। बाद में उन्होंने उन्होंने उत्तराखंड अपना स्थानांतरण करवा लिया। जहां वो अपर सचिव कृषि के पद पर तैनात थे।

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